तत्कालीन सहायक अभियन्ता वाय पी अजमानी एवं उपअभियंता देवव्रत सिंह को निर्दोष पाते हुए दोषमुक्त किया गया। सहायक अभियंता कामना यादव एवं उपअभियंता दीपक माहला को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। कार्यपालन अभियंता दीपक जोशी के खिलाफ विभागीय जांच संस्थित की गई तथा अनुबंधित ठेकेदार को मरम्मत, संधारण एवं आवश्यकतानुसार निर्माण और पाँच लाख की शास्ति आरोपित की साथ ही अनुबंध के शर्तों के अपालन की स्थिति में ब्लैकलिस्ट करने की कार्यवाही हेतु नोटिस जारी किया।
नगर निगम के सामान्य सभा मे रानी सागर-बूढ़ा सागर सौंदर्यीकरण में अनिमियता संबंधी मामला उठने पर सर्वसम्मति से कार्यवाही हेतु आयुक्त को अधिकृत किया गया था, जिसके तारतम्य में आयुक्त द्वारा सभी पहलुओं पर जांच करके अभिमत सहित प्रतिवेदन हेतु तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था।
जांच समिति द्वारा सर्वसम्बन्धित अधिकारियों, अनुबंधित ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज, सभी से प्राप्त जवाब-बयान एवं गवाहों के जवाब-बयान के आधार पर मय निष्कर्ष आयुक्त के सम्मुख प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जिस पर उच्च न्यायालय के अधिवक्ता से विधिक सलाह लेकर तदुपरांत आयुक्त द्वारा संपूर्ण पहलू पर विचार करते हुए तत्काल प्रभाव से निर्णय लिये गये।
तत्कालीन सहायक अभियन्ता वाय पी अजमानी एवं उपअभियंता देवव्रत सिंह को निर्दोष पाते हुए दोषमुक्त किया गया। सहायक अभियंता कामना यादव एवं उपअभियंता दीपक माहला को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। कार्यपालन अभियंता दीपक जोशी के खिलाफ विभागीय जांच संस्थित की गई तथा अनुबंधित ठेकेदार को मरम्मत, संधारण एवं आवश्यकतानुसार निर्माण और पाँच लाख की शास्ति आरोपित की साथ ही अनुबंध के शर्तों के अपालन की स्थिति में ब्लैकलिस्ट करने की कार्यवाही हेतु नोटिस जारी किया।
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