० तीज पर्व होने के बावजूद भी हड़ताल पर डटे रहे महिला कर्मचारी
० फेडरेशन में छत्तीसगढ़ छात्रावास कल्याण संघ भी हुए शामिल
राजनांदगॉव। छग कर्मचारी, अधिकारी फेडरेशन राजनांदगांव जिला ईकाई अपने प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा एवं प्रांतीय सचिव राजेश चटर्जी के आव्हान पर जिला संयोजक डॉ. केएल टाण्डेकर एवं महासचिव सतीश ब्यौहरे के नेतृत्व में, राजनांदगॉव जिले में शासकीय सेवकगण अपनी डीए और गृहभाड़ा भत्ते की लंबित मांगों के समर्थन में प्रांतव्यापी अनिश्चित कालीन हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन के माध्यम से आंदोलनरत् हुए। कलम बंद-काम बंद के नारे के साथ अपनी मांगों को लेकर यह आंदोलन 30 अगस्त को प्रातः लगभग 11 बजे से शाम 4 बजे तक धरनास्थल कलेक्ट्रेट एटीएम के सामने फ्लाई ओव्हर के नीचे संपन्न हुआ, जिसमें विभिन्न विभागों के शासकीय सेवकगण एकत्रित होकर अपनी लंबित मांगों के लिये जोरशोर से एकजुट होकर नारेबाजी करते एवं राज्य शासन के कर्मचारियों को केन्द्र शासन के समान देय तिथि अनुसार 34 प्रतिशत डीए एवं बकाया एरियर्स राशि सहित सॉतवे वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता की मांग करते हुए वृहद स्तर पर हड़ताल एवं धरना-प्रदर्शन करते दिखाई दिए।
सभा को संबोधित करते हुए डॉ केएल टांडेकर ने कहा कि हमारी एकता के आगे सरकार को झुकना ही पड़ेगा। सरकार कितनी भी दमनात्मक आदेश निकाल ले, इससे हम लोग डरने वाले नहीं हैं। हमारा फेडरेशन विधिवत आंदोलन में गया है, इसलिए किसी कर्मचारी का वेतन सरकार नहीं काट सकती है। सरकार अपनी हठधर्मिता को त्यागकर तत्काल हमारी मांगों को पूरा करें। दिग्विजय महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. शंकर मुनी राय ने कहा कि कोरोना काल में दिन-रात मेहनत कर कठिन परिस्थितियों में भी हमारे कर्मचारी साथियों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते शासन की हर योजना का सफल क्रियान्वयन किया है। उस समय हम सरकार से महंगाई भत्ता एवं एचआरए की मांग नहीं किए जबकि आज सरकार की स्थिति अच्छी होने के बावजूद भी हमें हमारा 2 सूत्रीय मांगों के लिए सड़क की लड़ाई लड़नी पड़ रही है, यह बड़ी विडंबना है। आलीवारा के व्याख्याता कार्तिक राम यादव ने कहा कि जिस उद्देश्य के लिए हम हड़ताल में बैठे हैं, उस उद्देश्य को पाकर ही रहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि छोटे-छोटे राज्यों ने अपने राज्य के कर्मचारियों को 34 प्रतिशत डीए दे चुके हैं तो छत्तीसगढ़ सरकार हमें 34 प्रतिशत डीए देने के लिए क्यों कतरा रही है। डीए और एचआरए हमारा मौलिक अधिकार है, सरकार इसे तत्काल प्रदान करें। प्रधान पाठक ईश्वरदास मेश्राम ने समाज कल्याण विभाग के साथ मिलकर संगीत के माध्यम से शमा बांधा। एआर सिन्हा कृषि विभाग में नंदा जाही का गा नंदा जाही का रे… गीत गाकर जबरदस्त तालियां बटोरी। शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला टप्पा के व्याख्याता वीरेंद्र रंगारी ने कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है के तर्ज पर सरकार के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश दिखाते हुए गीत प्रस्तुत किया। व्याख्याता डॉ. आकांक्षा विश्वकर्मा ने गीत के माध्यम से सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आज तीज पर्व है, सभी महिलाएं हड़ताल में आए हुए हैं और हड़ताल में आने के लिए महिलाएं बाध्य हैं यह बात सरकार को समझनी चाहिए। मेडिकल कॉलेज के स्टाफ नर्स श्रीमती नेहा साहू ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है फिर भी सरकार हमारी जायज मांगों को नहीं मान रही है, इसलिए सरकार हमारी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर अति शीघ्र मांगों को पूरा करें। महेश कुमार शर्मा छत्तीसगढ़ न्यायिक कर्मचारी संघ ने कहा कि यह हमारी अस्मिता की लड़ाई है, इस लड़ाई में अंतिम विजय हमारी ही होगी। आज तीज पर्व होने के बावजूद भी महिला कर्मचारी हड़ताल पर डटे रहे। उमस भरे वातावरण में भी कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। आंदोलन के विषय में फेडरेशन के जिला संयोजक डॉ. केएल टाण्डेकर एवं महासचिव सतीश ब्यौहरे ने बताया कि पूर्व में फेडरेशन के द्वारा शांतिपूर्ण चरणबद्ध आंदोलन के माध्यम से राज्य शासन को समय-समय पर अपनी जायज मांगो के निराकरण हेतु अनुरोध किया जाता रहा है, किन्तु राज्य शासन द्वारा शासकीय सेवकों के हित में समाधान कारक निर्णय नहीं लेने के कारण प्रदेश के कर्मचारीगण, अधिकारीगण, पेंशनर्स प्रताड़ित हो रहे है। शासन द्वारा राज्य सेवा के कर्मचारियों के वेतन में लगातार कटौती की जा रही है और उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है जिसके कारण शासकीय सेवको में निराशा और आक्रोश व्याप्त है और वो अपने हक की लड़ाई के लिये लामबद्ध हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन के सैंकड़ो कर्मचारीगण अधिकारीगण सामूहिक रूप से अवकाश लेकर 30 अगस्त को जिले के सभी विकासखंड एवं तहसील मुख्यालयों सहित राजनांदगॉव जिला कार्यालय के सामने फ्लाईओवर के नीचे जीई रोड पर प्रांतव्यापी कलम बंद-काम बंद, अनिश्चित कालीन हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन के माध्यम से शासन तक अपनी बात पहुॅचाने का प्रयास किया है और इसमे काफी हद तक सफल भी रहे है, जिसके चलते आज ब्लाकए तहसील एवं जिला स्तर के शासकीय कार्यालयों एवं विभागों में दिनभर कामकाज ठप्प रहा है। जिले के कई अधिकारीगण भी कार्यालयों में अपनी सीट पर अनुपस्थित रहकर आज के इस आंदोलन को मौन समर्थन देते दिखे। शासकीय सेवकों की केन्द्र शासन के समान देय तिथि से डीए एवं सॉतवे वेतनमान के अनुरूप गृहभाड़ा भत्ते की मांगों को पूरा करने के राजनांदगॉव जिला ईकाई के इस आंदोलन में मुख्य रूप से विभिन्न संगठनों एवं संघों के अध्यक्षगण पदाधिकारीगण सदस्यगण सैकड़ों की तादाद में उपस्थित रहे।
जिनमें में मुख्य रूप से प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ छग अजाक्स संघ, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन, छग लघुवेतन चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ, छग वाहन चालक कर्मचारी संघ, छग स्वास्थ्य एवं बहुउद्देशीय कर्मचारी संघ, छग राजस्व पटवारी संघ, छग ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ, छग प्रदेश शिक्षक फेडरेशन, छग राज्य पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ संघ, कर्मचारी कल्याण संघ (क्षेत्रीय परिषद), छग प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, छग वन कर्मचारी संघ, छग लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, छग डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोशियेशन, छग प्रदेश शिक्षक संघ, छगण् हायक पशु चिकित्सा अधिकारी संघ, छग राजस्व निरीक्षक संघ, छत्तीसगढ़ न्यायिक कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य संयोजक संघ, छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ, छत्तीसगढ़ शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ, छत्तीसगढ़ महिला बाल विकास विभाग पर्यवेक्षक संघ, छत्तीसगढ़ न्यायिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ, छग आरएमए एसोशिएसन, महाविद्यालय प्राध्यापक संघ, छत्तीसगढ़ निगम मंडल कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ पेंशनर्स एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ छात्रावास अधीक्षक कल्याण संघ, सहायक विकास विस्तार अधिकारी संघ, छग प्रदेश सचिव संघ के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
फेडरेशन के पदाधिकारियों में मुख्य रूप से जिला संरक्षकद्वय राजेश मालवे एवं एसके ओझा, जिला संयोजक डॉ. केएल टाण्डेकर, प्रांतीय उपाध्यक्ष मनीष मिश्रा, जिला महासचिव सतीश ब्यौहरे प्रमुख रहे। आंदोलन के विषय में जिला संयोजक डॉ. केएल टाण्डेकर एवं जिला महासचिव सतीश ब्यौहरे ने यह भी बताया कि राज्य के कर्मचारी-अधिकारी शासन के उपेक्षापूर्ण रवैये से क्षुब्ध एवं व्यथित होकर इसके विरोध में आज प्रदेश के सभी जिला एवं ब्लाक मुख्यालयों में अनिश्चित कालीन हड़ताल के माध्यम से आंदोलन कर रहे हैं और इस आंदोलन को राज्य सेवा के विभिन्न 101 से अधिक कर्मचारी एवं अधिकारी संगठनों का समर्थन प्राप्त है, जो राज्य शासन से अपनी मांगो को लेकर प्रदेश व्यापी आंदोलन के लिये कमर कस चुके हैं, यदि शासन छग कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की लंबित मांगों पर शीघ्र कोई समाधान कारक ठोस निर्णय नहीं लेती है, तो यह हड़ताल और उग्र होगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य शासन की होगी। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री पीआर झाड़े ने किया।
The post राजनांदगॉव : ईश्वर दास मेश्राम ने समाज कल्याण विभाग के साथ मिलकर संगीत के माध्यम से शमा बांधा appeared first on कडुवाघुंट.