बिलासपुर—कलेक्टर प्रशासन का ऐसा खौफ की अब सरकारी जमीन हड़पने वाले खुद गले में तख्ती लटकाकर एसडीएम कार्यालय पहुंच रहे है। और कब्जाई गयी सरकारी जमीन का दस्तावेज पेश कर..भूल सुधार की मांग कर रहे है। ताजा मामला एक बार फिर मोपका से आया है। आवेदक ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर एसडीएम तुलाराम भारद्वाज को बताया कि उसके नाम किसी ने 12 एकड़ सरकारी जमीन चढ़ा दिया है। जबकि इसकी जानकारी उसे नहीं है। मामले में एसडीएम ने बताया कि सरकारी जमीन खसरा नम्बर 1053 की जांच चल रही थी। जानकारी के बाद बाद रिकार्ड में दर्ज मालिक ने जमीन का दस्तावेज सरेंडर किया है। जबकि कब्जाई गयी जमीन मूल रिकार्ड में घास और छोटे बड़े झाड़ जंगल दर्ज है। सरेन्डर की गयी सरकारी जमीनकी कीमत करीब 40 करोड़ रूपए हैं।
उत्तर प्रदेश का असर छत्तीसगढ़ पर हो या ना हो..लेकिन बिलासपुर जमीन माफियों पर दिखाई देने लगा है। कलेक्टर सौरभ कुमार की सख्त कार्रवाई के बाद अब जमीन माफिया खुद फर्जी दस्तावेज लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंच रहे है। दस्तावेज सरेंडर करने के साथ बता रहे हैं इस सरकारी जमीन को उसके नाम किसने चढ़ाया जानकारी महीं है।
बताते चलें कि पिछले कुछ सालों से राजस्व विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों और जमीन माफियोंकी मिली भगत से सरकारी जमीन गायब होती जा रही है। लगातार शिकायत के बाद कलेक्टर ने लिंगियाडीह, मोपका, चिल्हाटी, लगरा पटवारी हल्का की सभी सरकारी जमीनों की जांच पड़ताल का आदेश दिया। साथ ही रिकार्ड एनआईए में दर्ज किए जाने का भी आदेश दिया।
इसी क्रम में एसडीएम तुलाराम भारद्वाज की अगुवाई में बताए गए क्षेत्रों में सरकारी जमीन की खोजबीन शुरू हुई। मोपका स्थित भूमि खसरा नंबर 845/1/न , 845/1/झ, 1859 / 1 और चिल्हाटी स्थित भूमि खसरा नंबर 224 / 380 के सभी बटाकंन पर कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम ने खरीदी बिक्री पर रोक लगा दिया। बतायी गयी सभी जमीनों का निस्तार पत्रक में बड़े झाड के जंगल मद में दर्ज है।
The post राजस्व टीम की बड़ी कार्रवाई…40 करोड़ की सरकारी जमीन जब्त..ऐसा खौफ कि मालिक खुद चलकर आया.. सरेंडर किया दस्तावेज..SDM ने कहा..तेज होगी जांच appeared first on CGWALL-Chhattisgarh News.