राममंदिर समेत परिसर में चल रहे अन्य निर्माण कार्य पर अब तक 2500 करोड़ से अधिक खर्च हो चुके हैं। मंदिर समेत सभी प्रकल्पों के निर्माण की समय सीमा जून 2025 तय की गई है। राममंदिर ट्रस्ट का मानना है कि निर्माण कार्य से करीब 400 करोड़ रुपये का वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी सरकार को मिल जाएगा।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि राम मंदिर निर्माण कार्य से जीएसटी के रूप में करीब 400 करोड़ रुपये मिलेंगे। अब तक मंदिर निर्माण से करीब 166 करोड़ की जीएसटी सरकार को प्राप्त हो चुकी है। हालांकि वास्तविक कर संग्रह का आंकड़ा निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ही पता चलेगा। राममंदिर समेत समस्त प्रकल्पों के निर्माण पर करीब चार हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
चंपत राय ने बताया कि 70 एकड़ में विकसित किए जा रहे परिसर में कुल 18 मंदिर बनाए जाएंगे। इसमें महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि अगस्त्य, माता भगवती, निषादराज, अहिल्या, शबरी, तुलसीदास आदि के मंदिर शामिल होंगे। इसके अलावा एक संग्रहालय, ट्रस्ट कार्यालय, गेस्ट हाउस भी बनेगा। हम 100 फीसदी टैक्स का भुगतान करेंगे। टैक्स में एक रुपया भी कम नहीं किया जाएगा।
रोजाना दो लाख भक्त आसानी से कर सकेंगे दर्शन
चंपत राय का कहना है राममंदिर का निर्माण समाज के सहयोग से हो रहा है। मंदिर की व्यवस्थाएं इस तरह की गई हैं कि रोजाना दो लाख भक्त सुविधापूर्वक दर्शन कर सकते हैं। बुर्जुग, दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। व्हीलचेयर ट्रस्ट की ओर से मात्र आधार कार्ड दिखाने पर निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही नित्य दर्शनार्थियों के लिए भी पास की व्यवस्था है। सुगम दर्शन के लिए पास की भी व्यवस्था है। सामान जमा करने के लिए लॉकर बनवाए गए हैं।
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