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राम मंदिर ट्रस्ट की भूमि वापस नहीं होने पर, प्रदेश स्तर पर होगा आंदोलन :- हिन्दू संगठन

दुर्गा प्रसाद सेन@बेमेतरा। नियमो के विरुद्ध अंतरण की गई राम मंदिर ट्रस्ट की भूमि को वापस नहीं किए जाने की स्थिति पर बेमेतरा से लेकर प्रदेश तक व्यापक स्तर पर आंदोलन किया जाएगा । हिंदू संगठनों की ओर से आयोजित

पत्रकार वार्ता में बेमेतरा विधायक आशीष छाबड़ा पर राम मंदिर ट्रस्ट की भूमि का अंतरण कराने के लिए  संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए प्रदेश महामंत्री अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद दीपक दुबे, प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय बजरंग दल छत्तीसगढ़ भीम साहू, जिला महामंत्री अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद रायपुर असीम आचार्य एवं जिला प्रमुख सनातन हिंदू धर्म समाज बेमेतरा आदित्य सिंह  ने संयुक्त रूप से बताया कि तत्कालीन कलेक्टर रहे अनंत तायल ने न्यास की भूमि को अदला-बदली करने का नियम नहीं होने पर जिस प्रकरण को नस्तीबद करने के आदेश दिए थे, उसके बाद भी 2 माह पहले की तारीख में श्री रामचंद्र मूर्ति मंदिर न्यास की भूमि को अंतरण किया गया । पत्रकार वार्ता में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष विजय सिन्हा, राकेश मोहन शर्मा, विकास तंबोली, विजय सुखवानी, भाजपा पार्षद नीतू कोठारी, पार्षद नीलू राजपूत परस वैष्णो, प्रवीण सिंह, विजय ठाकुर, अन्य लोग उपस्थित थे

अधिकारियों पर दबाव बनाकर कराया गया भूमि का अंतरण

तत्कालीन एसडीएम ने कलेक्टर आदेश के पूर्व न्यास की जमीन को अदला-बदली कर दिए जाने का खुलासा करते हुए दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए कहा कि श्री राम मंदिर की भूमि को बेमेतरा विधायक ने करीबी रिश्तेदार के नाम करवाया । बेमेतरा में श्री रामचंद्र   मंदिर ट्रस्ट की भूमि लगभग 5 एकड़, जिसे अधिकारियों पर दबाव बनाकर बेमेतरा विधायक ने अपने करीबी रिश्तेदार सुमित कौर पति बलमीत सिंह सलूजा के नाम कर ली एवं इसके अलावा ट्रस्ट की बची हुई भूमि में से करीब चार एकड़ भूमि पर पक्की सड़क का निर्माण कराया जा रहा है । ताकि ट्रस्ट की भूमि की उपयोगिता पूर्णता खत्म की जा सके । इसमें हिंदू धर्म के विरुद्ध षड्यंत्र का एहसास होता है । मंदिर की भूमि को विधायक द्वारा अपने रिश्तेदार करने से पूरे प्रदेश में सनातन हिंदू समाज में खासी नाराजगी है ।

कलेक्टर के आदेश के विरुद्ध जाकर किया गया अंतरण

कलेक्टर के आदेश के विरुद्ध जाकर की रजिस्ट्री

इन लोगों ने आगे बताया कि 4 नवंबर 2020 को कलेक्टर ने लिखित आदेश में कहा है कि श्री राम मंदिर ट्रस्ट समिति की भूमि लोक न्यास की भूमि है लोक न्याय न्याय अधिनियम 1963 के प्रावधानों के अनुसार न्यास भूमि का अंतरण संभव नहीं है।सीजी एलआरसी में अदला बदली का कोई प्रावधान नहीं है। बावजूद इसके कलेक्टर के आदेश के विरुद्ध जाकर तत्कालीन एसडीएम ने भूमि अंतरण करने का आदेश 26 सितंबर 2020 को कूट रचना करके दे दिया।

कोरोना काल में हुई अंतरण की कार्रवाई, कार्यालय से दस्तावेज गायब

वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान इन सारी कार्रवाई को अंजाम देने के आरोप लगाए जा रहे हैं ।  शासन के आदेश पर सभी शासकीय कार्यालय बंद करने का आदेश था । तब भी राजस्व विभाग ऐसे मामले अंतिम रूप देने में के लिए खुला था । 3 सितंबर 2021 को तात्कालीन एसडीएम ने कोरोना कल के दौरान श्री राम मंदिर की अंतरण करने का आदेश दे दिया । हिंदू संगठनों ने तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार द्वारा कार्यालय से फाइलें गायब करवाने के आरोप लगाए हैं । जिससे प्रतीत होता है कि किस तरह से राम मंदिर बेमेतरा भूमि का अधिकारियों के साथ मिलकर विधायक बेमेतरा ने बंदरबाट किया ।

कार्रवाई नही होने पर न्यायालय जाने की भी तैयारी

सनातन हिंदू समाज के पदाधिकारियों ने कहा है कि  श्री रामचंद्र मंदिर ट्रस्ट की भूमि यथा स्थान वापस देने और भूमि का अवैध अंतरण करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर ज्ञापन सौपा गया है । आज प्रतीकात्मक आंदोलन हुआ है । कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में बेमेतरा शहर से लेकर प्रदेश स्तर पर व्यापक रूप से इस मामले को लेकर आंदोलन किया जाएगा । साथ ही सनातन हिंदू समाज उच्च न्यायालय की शरण मे जाने के लिए बाध्य होगा । 

लोक निर्माण विभाग का कारनामा निजी भूमि पर बना रहे सड़क, किसान हो रहे परेशान

इस मामले में लोक निर्माण विभाग का कारनामा सामने आया है ।  जहां विभाग की ओर से निजी भूमि पर सड़क का निर्माण कराया जा रहा है । इसके बाद किसानों को आसपास की भूमि विक्रय करने हेतु  दबाव बनाया जा रहा है। विधायक ने अपने करीबी रिश्तेदार लाभ देने के लिए श्री रामचंद्र मूर्ति मंदिर ट्रस्ट की भूमि अंतरण कर व्यावसायिक लाभ के लिए जो सड़क बनाई गई उसे पीडब्ल्यूडी को बनाने का अधिकार नहीं है। क्योंकि पीडब्लूडी निजी भूमि पर सड़क निर्माण नहीं कर सकता ।

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