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रायपुर : रामकथा में शामिल हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस

रायपुर : आनंद नगर दुर्गा मंदिर रायपुर में कथा के तीसरे दिन परम पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी ( गुरुजी) के मुखारविंद से भगवान राम के जन्म उत्सव की कथा बताई गई, भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है ,सभी भावविभोर होकर नृत्य किए , सोहर गीत गाए ,और भगवान राम के जन्म का आनंद लिए।

आज कथा में महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल माननीय श्री रमेश बैस जी का आगमन हुआ। परम पूज्य गुरुदेव से आशीर्वाद लेने के उपरांत महामहिम राज्यपाल ने अपने उदगार में यह बताएं कि हम कोई भी पुस्तक एक बार से दो बार पढ़ते हैं तो उब जाते हैं लेकिन रामचरितमानस ही एक ऐसा ग्रंथ है जिसको बार-बार सुनते हैं और उसको सुनने की इच्छा बढ़ जाती है और प्यास बढ़ जाती है । और हर पंक्ति से हर चौपाई से हमें कुछ ना कुछ सीखने को ही मिलता है। जनमानस के कल्याण के लिए बहुत अच्छी कथा है। साथ में मुख्य यजमान के द्वारा राज्यपाल का स्वागत किया गया

कथा को आगे बढ़ाते हुए परम पूज्य गुरुदेव यह बताएं कि हमेशा हमें अपने धर्म ध्वजा की रक्षा करनी चाहिए जब-जब होई धरम की हानि….. जब धर्म की हानि होती है अधर्म का बोलबाला हो जाता है भगवान कोई न कोई रूप में इस पृथ्वी पर अवतार लेते हैं ,भगवान तो हमेशा रहते हैं तो उनका जन्म नहीं होता अवतार होता है ,भगवान इस पृथ्वी पर अवतार लेते हैं और फिर से धर्म की स्थापना करते हैं । गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण ने यही कहा यदा यदा ही धर्मस्य…

भगवान राम ज्ञानियों की रक्षा करने के लिए प्रगट होते हैं विप्र धेनु सुर संत हित…. विप्र के लिए ,गौ माता के लिए ,संतों के लिए सब की रक्षा करने के लिए समाज के कल्याण के लिए भगवान इस पृथ्वी पर अवतार लेते है और लीला करके यह दिखाते हैं कि किस तरह मनुष्य के जीवन में परेशानी आती है और हमें सबके साथ कैसे आचरण करना चाहिए, कैसे व्यवहार करना चाहिए ,माता पिता के साथ, गुरु के साथ, मित्र के साथ ,और किस तरह से जीवन जीना चाहिए जीवन जीने की कला बताते है।

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