नई दिल्ली। अप्रवासियों के कनाडा छोड़ने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 से 2019 के बीच में अप्रवासियों के कनाडा छोड़ने की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट सामने आने के बाद कनाडाई सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। सरकार के सामने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए नए लोगों को परमिट देने की अपील की गई है। इंस्टीट्यूट फॉर कैनेडियन सिटिजनशिप (आईसीसी) और कॉन्फ्रेंस बोर्ड ऑफ कनाडा द्वारा की गई के अनुसार, औसतन 0.9 प्रतिशत लोग जिन्हें 1982 में या उसके बाद स्थाई निवास की अनुमति दी गई थी। उन्होंने हर साल कनाडा छोड़ दिया।
2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 1.18 प्रतिशत हो गया। जोकि 31 प्रतिशत से अधिक है। रिपोर्ट के रिसर्चर ने कहा कि 2017 में भी कनाडा छोड़ने की दर में वृद्धि हुई। 2016 में 0.8 प्रतिशत से बढ़कर 1.15 प्रतिशत हो गई। दूसरे शब्दों में कहें तो 2019 में लगभग 67,000 लोगों ने कनाडा छोड़ दिया और 2017 में लगभग 60,000 लोगों ने कनाडा छोड़ दिया।
इसका मतलब यह है कि असामान्य रूप से बड़ी संख्या में अप्रवासी जिन्हें 1982 और 2018 के बीच स्थाई निवास दिया गया था, उन्होंने 2016 और 2019 के बीच देश छोड़ना पसंद किया। रिसर्च में यह भी कहा गया है कि देश छोड़ने वाले अप्रवासियों की संख्या आम तौर पर 1990 के दशक के बाद से बढ़ रही है। सामने आई यह वजह आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डैनियल बर्नहार्ड ने कहा, “अब हम ऐसे लोगों को देख रहे हैं जो कनाडा आ रहे हैं और फिर कह रहे हैं, आह, धन्यवाद नहीं और आगे बढ़ रहे हैं।” उन लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। हमें यह मानना होगा कि आवास, स्वास्थ्य देखभाल, अन्य प्रकार की सेवाओं की उपलब्धता की कमी इसका हिस्सा है। अध्ययन में वे लोग शामिल थे जिन्हें 1982 और 2018 के बीच स्थाई निवास की अनुमति दी गई थी और जिन्होंने कनाडा में उतरने के बाद कम से कम एक बार कर दाखिल किया था।