रायपुर। राज्य पुलिस एवं परिवहन विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों के लिये रोड सेफ्टी एण्ड इंफोर्समेंट के द्वितीय दिवस कार्यशाला का शुभारंभ आज श्री सत्येन्द्र गर्ग पूर्व विशेष पुलिस आयुक्त नई दिल्ली, पूर्व पुलिस महानिदेशक अंडमान, अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष संजय शर्मा, श्री अनिल चिकारा पूर्व उपायुक्त परिवहन विभाग के द्वारा सम्मिलित रूप से किया गया।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) द्वारा प्रायोजित सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण के दूसरे दिन, छत्तीसगढ़, रायपुर में सड़क सुरक्षा लीड एजेंसी के सहयोग से एशियाई परिवहन विकास संस्थान द्वारा आयोजित, श्री अनिल छिकारा, पूर्व उप परिवहन नई दिल्ली के आयुक्त ने दुर्घटनाओं में शामिल वाहनों के यांत्रिक विश्लेषण करने में अंतर्दृष्टि साझा की। उनका जोर दुर्घटनाओं के मूल कारणों की पहचान करने पर था, खासकर यदि वे यांत्रिक विफलताओं के कारण थे, और उनके पीछे के कारणों को समझने पर था। इसके अतिरिक्त, उन्होंने प्रवर्तन में ई-चालानिंग प्रक्रिया और परिवहन सेवाओं में फेसलेस सुविधाओं की शुरूआत के बारे में विस्तृत विवरण प्रदान किया।
आईआरएडी और दुर्घटना डेटा पर सत्र ने प्रतिभागियों को दुर्घटना से संबंधित जानकारी के व्यवस्थित संग्रह, विश्लेषण और व्याख्या में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की। एनआईसी के विशेषज्ञ श्री सारांश शिर्के द्वारा संचालित इस सत्र का उद्देश्य सड़क सुरक्षा नीतियों और हस्तक्षेपों को आकार देने में डेटा की भूमिका के बारे में प्रतिभागियों की समझ को बढ़ाना था। सत्र की शुरुआत आईआरएडी के अवलोकन के साथ हुई, जिसमें दुर्घटना डेटा की रिकॉर्डिंग और विश्लेषण के लिए एक केंद्रीकृत डेटाबेस के रूप में इसके महत्व पर जोर दिया गया। श्री शिर्के ने आईआरएडी की प्रमुख विशेषताओं के बारे में बताया, जिसमें इसकी व्यापक डेटाबेस संरचना, विभिन्न रिपोर्टिंग स्रोतों के साथ एकीकरण और सड़क सुरक्षा घटनाओं का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने में इसकी भूमिका शामिल है। उन्होंने सटीक और मानकीकृत रिपोर्टिंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों को डेटा संग्रह की प्रक्रिया के माध्यम से निर्देशित किया गया। सत्र में आईआरएडी द्वारा कैप्चर की गई जानकारी के प्रकारों पर चर्चा की गई, जिसमें शामिल वाहनों, सड़क की स्थिति, मौसम और चोटों की गंभीरता के बारे में विवरण शामिल थे।