नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने गुरुवार (9 फरवरी, 2023) को दिल्ली सचिवालय के पास विरोध प्रदर्शन कर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को उनके पद से हटाने की मांग की। यूनिट (FBU), जिसे 2015 में अरविंद केजरीवाल सरकार के सत्ता में आने के बाद बनाया गया था।
दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “फीडबैक यूनिट से कोई भी, यहां तक कि पत्रकार, व्यापारी और वरिष्ठ अधिकारी भी अछूते नहीं रहे। जिस तरह से आप सरकार काम कर रही है, बहुत जल्द मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों सलाखों के पीछे होंगे।” कहा।
सचदेवा ने इसे ‘बेहद गंभीर’ मामला करार देते हुए कहा कि केजरीवाल और सिसोदिया दोनों के जेल में रहने तक भाजपा लड़ाई जारी रखेगी।
दिल्ली सरकार के जासूस कांड का पर्दाफाश होने पर नेता प्रतिपक्ष श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी एवं भाजपा नेता गण और आरक्षण के साथ प्रचंड प्रदर्शन किया। @ArvindKejriwal विपक्षी जाति के जासूस बंद करो बंद करो! #जासूस_केवरीवाल pic.twitter.com/ayd5ccoJZ1– वीरेंद्र सचदेवा (@Virend_Sachdeva)
विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली आबकारी नीति “घोटाले” के बाद, एफबीयू “जासूसी” मुद्दे ने फिर से सिसोदिया को संदेह के घेरे में ला दिया है।
जासूसी कांड में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बर्खास्त कर दिया गया! दिल्ली में भाजपा समर्थकों ने किया डेक प्रदर्शन! दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष श्री @Virend_Sachdeva जी और मैंने संदेश भेजा! @narendramodi @JPNadda @blsanthosh pic.twitter.com/PSVN6aNCRC– रामवीर सिंह बिधूड़ी (@RamvirBidhuri)
आरोपों का जवाब देते हुए सिसोदिया ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कहा, ‘ऐसे बड़े लोग, जिनका वजूद सीबीआई, ईडी और पेगासस से विपक्षी नेताओं के खिलाफ साजिश रचने पर निर्भर है, अगर मुझसे डरते हैं तो ऐसा लगता है कि मैं यहां हूं. (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी के समान स्थिति।”
बीजेपी वाले मेरे खिलाफ नया आरोप लगा रहे हैं कि मैं 2015 से उनकी जासूसी कर रहा हूं।
इतने बड़े-बड़े लोग, वास्तविकता ही सीबीआई, ईडी पैगासस से विरोधी नेताओं के खिलाफ आरोप साजिश दावों पर टिका है, अगर इतने बड़े लोग भी मुझसे डर रहे हैं तो लगता है कि अपन भी मोदी के बराबर हो गए हैं यार..– मनीष सिसोदिया (@msisodia)
इस बीच, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कथित तौर पर सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए गृह मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्रपति को सीबीआई की सिफारिश भेज दी है, ताकि एफबीयू के निर्माण और कामकाज की जांच की जा सके।
सीबीआई की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में दावा किया गया था कि 2015 में दिल्ली में आप के सत्ता में आने के महीनों बाद दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित एफबीयू “राजनीतिक खुफिया जानकारी” में लिप्त था।