अंकित सोनी@सूरजपुर । जिला अस्पताल में लापरवाही की तस्वीरें सामने आना कोई नई बात नहीं है। आए दिन इन्ही लापरवाहियों के कारण चिकित्सालय परिसर में विरोध प्रदर्शन देखने को मिल ही जाते हैं, लेकिन तमाम अव्यवस्थाओं के बीच भी दोषियों पर कोई कार्यवाही ना होने से इनके हौसले दिन ब दिन बुंलद होते जा रहे हैं।
ऐसी ही लापरवाही का नज़ारा फिर से देर शाम जिला चिकित्सालय सूरजपुर में देखने को मिला। जहां एक स्थानीय मीडियाकर्मी का पुत्र सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। जिसे परिजन लेकर उपचार के लिए जिला चिकित्सालय सूरजपुर पहुँचे थे, लेकिन इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात नर्स मयंका राजवाड़े ने डॉक्टर के निर्देश के बाद भी बच्चे को इंजेक्शन लगाना उचित नही समझा और परिजनों को लंबे समय तक नियम कानून के उलझनों में उलझाए रखा। इस दौरान चेहरे व पैरों पर चोट लगने से बच्चा लम्बे समय तक स्ट्रेचर में पड़ा ही कराहता। लेकिन स्टाप नर्स को उस पर दया नही आई।
परिजनों ने केजुअल्टी में ड्यूटी कर रही स्टॉफ नर्स, मयंका राजवाड़े से बार बार घायल बच्चे को डॉक्टर द्वारा लिखे गए इंजेक्शन लगाने को कहा। इस पर बिना ध्यान दिए वह अपने फोन में व्यस्त रही , जिसके बाद परिजनों ने सीएमएचओ डॉक्टर आर एस सिंह को जानकारी दी, जिस पर सीएमएचओ ने स्टॉफ नर्स से बात कराने की बात करते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया।
वहीं दूसरी ओर थक हार कर परिजन घायल बच्चे को लेकर एमसीएच हॉस्पिटल बिल्डिंग पहुँचे जिसके बाद उसके दर्द का इंजेक्शन लग सका। जहाँ मामले की जानकारी अन्य मीडियाकर्मियों को लगी तो उन्होंने सीएमएचओ से बात कर स्टॉफ नर्स के विरुद्ध कार्यवाही करने की बात कही,,,अब देखने वाली बात होगी कि ऐसी लापरवाही के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग दोषियों के ऊपर क्या कार्यवाही करता नजर आता है ।