रायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी का रविवार निधन हो गया है। वे धमतरी के सर्किट हाउस सुबह उन्हें हार्ट अटैक आया। अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी हृदय गति रुक गई। डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन की खबर से राजनीतिक जगत सकते में है।
उनके निधन पर सीएम भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ माेेहन मरकाम ने दुख जताया है। चारामा के पास स्थित पैतृक नाथियानवा गांव में मनोज मंडावी का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
हम सबके लिए अपूरणीय क्षति : भूपेश बघेल
सीएम भूपेश ने अपने शोक संदेश में कहा है कि प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनका निधन हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री ने मनोज सिंह मंडावी के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
कांग्रेस ने संभावनाओं से भरा अपना कर्मठ नेता खो दिया: मरकाम
विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने शोक जताया है। मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस ने संभावनाओं से भरा अपना कर्मठ नेता खो दिया। वे आदिवासी समाज की मजबूत आवाज थे, उनका ऐसा जाना हृदय विदारक है। ईश्वर उनके परिजनों को इस दुख को सहने की शक्ति दे।
राजनीतिक सफर..
साल 1998 से 2000 तक वे मध्यप्रदेश शासन में एससी, एसटी आदिवासी मंत्रणा समिति के सदस्य थे।
साल 2023 में वे दूसरी बार छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
साल 2014-15 में छत्तीसगढ़ विधानसभा में विशेषाधिकार समिति के सदस्य बने।
साल 2015-16 में गैर सरकारी सदस्यों के विधेयकों औक संकल्प संबंधी समिति के सदस्य बने।
साल 2017-18 में विधान समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति के सदस्य बने।
साल 2018 में तीसरी बार छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
साल 2018-19 में सरकारी उपक्रमों संबंधित समिति, पटल पर रखे गए पत्रों के परीक्षण करने संबंधी समिति के सदस्य बने।
साल 2019-20 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष बने।
वहीं साल 2020-21 से वे विधानसभा उपाध्यक्ष के साथ ही विशेष आमंत्रित सदस्य भी रहे।
लगातार दूसरी बार विधायक बने।
मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद नए राज्य छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी के शासन काल में मंडावी पीडब्ल्यूडी और नगरीय प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
2018 विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी देवलाल दुग्गा को हराया था।