रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इस चुनावी साल में किसान नेता की एंट्री को छत्तीसगढ़ में राजनीतिक चश्मे से देखा जा रहा है। हालांकि मीडिया से चर्चा के दौरान राकेश टिकैत ने भूपेश सरकार की तारीफ की, मग यह भी कहने से नहीं चूके कि कुछ मुद्दे अभी भी ऐसे हैं जिनपर सरकार को काम करना है। इस मामले में भूमि अधिग्रहण का मामला भी शामिल है। साथ ही में चुनाव लड़ने को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी।
मीडिया से चर्चा के दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान वह अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा करेंगे। फसलों के दाम का बड़ा सवाल है, भूमि अधिग्रहण है, जब तक देश में एमएसपी कानून गारंटी नहीं बनेगा तो किसानों की फसलें ऐसी ही लुटती रहेंगी, 20 मार्च को दिल्ली में एक बड़ी पंचायत है। कोई भी सरकार किसानों के खिलाफ फैसले लेगी तो वहां जाकर हम मीटिंग करेंगे। टिकैत ने कहा कि भूमि अधिग्रहण का मामला छत्तीसगढ़ में भी चल रहा है। सरकार से बात करेंगे, पहले भी सरकार से चर्चा की गई थी, अब भी सरकार से चर्चा करेंगे ताकि मामले का निपटारा हो।
छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि पूरे देश में एमएसपी लागू होनी चाहिए। किसी एक स्टेट के देने से कुछ नहीं होगा। आदिवासी जो जंगलों में रहते हैं उनको भी लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार ठीक काम कर रही है, कुछ मामले हैं, उसे भी निपटा लेना चाहिए। जब तक देश में एमएसपी कानून गारंटी नहीं बनेगा तब तक किसानों को लाभ नहीं मिलेगा।
इसी के साथ ही किसान नेता ने चुनाव लड़ने के सवालों पर कहा कि किसान चुनाव से दूर रहेंगे। किसी भी किसान संगठन को चुनाव में नहीं जाना चाहिए। किसान संगठनों को सरकारों से बातचीत करना चाहिए।
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