रायपुर : आज विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सदन में पौष्टिक आहार योजना के तहत चना वितरण का मुद्दा उठा। ये मुद्दा कांग्रेस विधायक अमितेश शुक्ला ने उठाया। अमितेश ने पूछा कि 10 फरवरी 2023 तक पौष्टिक आहार योजना के तहत कब और कितनी मात्रा में चना वितरण के लिए प्राप्त हुए गरियाबंद में वितरण के लिए दिए गए चना की गुणवत्ताहीन होने की शिकायत प्राप्त हुई है इस पर क्या कार्रवाई हुई।
जवाब में मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा प्रदायकर्ता एजेंसी से चना की प्राप्ति पीडीएस प्रदाय केंद्रवार की जाती है। चना गुणवत्ताविहीन होने की सूचना मिली थी, चना की गुणवत्ता जांच करने पर गुणवत्ताहीन चना को रिजेक्ट किया गया, जिसे सप्लायर द्वारा वापस लिया गया।
विधायक अमितेश शुक्ला ने सवाल पूछा कि वितरण के लिए 2011 के नियमों का पालन किया गया था क्या?, जवाब में मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि भंडारण से पूर्व किसी भी सामग्री की गुणवत्ता की जांच की जाती है उसके बाद भंडारण की जाती है।
इस जवाब पर विधायक अमितेश शुक्ल ने सप्लीमेंट्री सवाल पूछा कि सप्लायर के पैकेजिंग में घपला का लगाया आरोप, जिस चना को गरियाबंद में फेल किया गया था, उसे देवभोग में क्यों पास किया गया इसकी जांच होनी चाहिये।जवाब में खाद्य मंत्री ने कहा कि अगर कोई शिकायत है उस पर जांच कराई जाएगी
वहीं इसी सवाल पर नेताप्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि गरियाबंद में जो फॉर्म है उस पर कभी कार्रवाई हुई है क्या? जवाब में मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि दो शिकायत हमारे तक आई थी, दूसरे शिकायत का जांच हुआ, जो अमानक पाया गया और उसे रिजेक्ट वापस कर दिया गया एक जगह रिजेक्ट कर दिया गया तो दूसरे जगह कैसे मान्य होगा।
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