रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने पाठ्य पुस्तक निगम में व्याप्त घोटालों की गहराई से जांच कराने की मांग की है। हाल ही में टेक्स्ट बुक कॉर्पोरेशन में सामने आए 130 करोड़ के ताजा घोटाले का हवाला देते हुए कहा है कि राज्य में शिक्षा का स्तर देश भर में अंतिम स्थिति में पहुंचा चुकी है।
छत्तीसगढ़ में सरकार हालात सुधारने की बजाय पाठ्य पुस्तक निगम में करोड़ों रुपए के टेंडर घोटाले को संरक्षण दे रही है। भाजपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से तत्काल टेंडर घोटालेबाजी की सक्षम जांच की मांग की है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोगों की एक मांग पर पिछली सरकार के नियमानुसार स्वीकृत कार्य की जांच राज्य की एजेंसियों को सौंपने तैयार रहने वाले मुख्यमंत्री अपनी सरकार के बड़े बड़े घोटालों पर मौन क्यों हैं?
प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने दस्तावेज आधारित मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह सरकार घोटालों की सरकार है। हर जगह घोटाले हो रहे हैं। डीएमएफ की रकम फर्जी टेंडरबाजी के जरिये उड़ाने के मामले सामने आ चुके हैं।
भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करने की जगह मुख्यमंत्री उनका संरक्षण कर रहे हैं और इसी क्रम में पाठ्यपुस्तक निगम घोटाला निगम बन गया है। पाठ्यपुस्तक निगम में करीब 130 करोड़ का ई टेंडर घोटाला सामने आया है। वर्ष 2023-24 के लिए निगम ने स्कूली बच्चों की पुस्तकों की छपाई के लिए लगभग 10 हजार टन कागज खरीदी की निविदा निकाली थी। करीब 130 करोड़ की कागज खरीदी के लिए अलग अलग राज्यों की कंपनियों ने एक ही दिन 19 सितंबर 2022 को एक घंटे के अंतराल में टेंडर भर दिया।
चार अलग अलग कंपनियों ने टेंडर का फाइनल सब्मिशन एक ही सिस्टम या लैपटॉप से किया। यह कैसे संभव है? साफ जाहिर है कि टेंडर घोटाला हुआ है। पाठ्य पुस्तक निगम में लगातार घोटालेबाजी सामने आ रही है। तुरंत अध्यक्ष से इस्तीफा लेकर इसकी जांच करानी चाहिए। कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार बच्चों के शिक्षा के पैसों में भी डाका डालने से बाज नहीं आ रही है।
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