अंकित सोनी@सूरजपुर। छत्तीसगढ़ का सूरजपुर जिला प्रदेशभर में खनिज संपदा पर्यटन और फसलों के लिए एक अलग स्थान रखता है. जहाँ एक ओर इस जिले का शक्कर कारखाना किसानों को सशक्त बनाने के लिए रीढ़ की हड्डी साबित हो रहा था। वही सूरजपुर अब शक्कर उत्पादन के साथ खुद बिजली की पैदावार कर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल को बेचने को तैयार है। जिसके लिए व्यापक तैयारियां पूरी कर ली गई है और जनरेशन प्लांट भी बनकर तैयार हो चुका है। इस कारखाने की बदौलत कैसे रौशन होंगे।
शक्कर कारखाना से निकलने वाली बिजली लोगों के आशियाने को करेगी रोशन
तस्वीरों में नजर आ रहा प्लांट किसी राज्य विद्युत मंडल का नहीं बल्कि सूरजपुर के मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना का है। जिससे निकलने वाली बिजली अब लोगों के आशियाने को रोशन करने का काम करेगी। दरअसल हर साल बड़ी मात्रा में किसानों से गन्ना खरीदी कर उसकी पेराई कर सैकड़ों मिट्रिक टन शक्कर का उत्पादन कारखाने से किया जाता है। वही पेराई के बाद गन्ने का जो वेस्ट छिलका निकलता है, उसे जलाकर कारखाना 6 मेगावाट बिजली का उत्पादन करता आ रहा है। कारखाने को चलाने के लिए 3 मेगा वाट विद्युत की ही आवश्यकता पड़ती है। बाकी के जेनरेशन प्लांट ना होने के कारण बचे 3 मेगावाट
विद्युत को स्टोर करने की कोई व्यवस्था नहीं थी। जिससे वह बर्बाद हो जाया करता था। जब यह बात प्रदेश सरकार के संज्ञान में आई तो शासन ने 2 करोड़ रुपये अनुदान इस कारखाने को उपलब्ध कराएं ,,,, जिससे अब को – जनरेसन प्लांट बची हुई बिजली को छत्तीसगढ़ के कोने कोने तक पहुंचाने के लिए बनकर तैयार हो चुका है।
विशेषताओं को लेकर सुर्खियों में रह छुईकावहाई कारखाना
सूरजपुर का मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना हमेशा से ही अपनी विशेषताओं को लेकर सुर्खियों में रहा है। जब से यह शक्कर कारखाना स्थापित हुआ है। किसानों को अपनी फसल के दाम हाथों हाथ मिल रहे हैं। वही इस कारखाने के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। अब इस कारखाने से सिर्फ शक्कर ही नहीं लोगों को बिजली भी मुहैया हो सकेगी। जिसके लिए राज्य शासन ने 2 करोड़ रुपए अनुदान कारखाने को दिया है। इस अनुदान से को – जनरेशन प्लांट इसी कारखाने के अंदर स्थापित किया गया है।जिससे कारखाने से बनने वाली बिजली को राज्य विद्युत मंडल के माध्यम से लोगो तक पहुंचाया जाएगा,,, जिसके लिए विद्युत मंडल 8 रुपये 25 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से कारखाने को भुगतान करेगा।
कारखाने के मैनेजिंग डायरेक्टर ने बताया कारखाने में सिर्फ शक्कर उत्पादन कर उतना मुनाफा नहीं कमाया जा रहा था। जितना की कारखाने को चलाने के लिये आवश्कता थी। अब कि इस प्लांट के लगने से कारखाने को 1 करोड़ रुपए प्रतिमाह की आमदनी होगी। जिससे कारखाने के हालात बेहतर होंगे और किसानों को भी उनके फसलों का मूल्य जल्द से जल्द मिल जाया करेगा।
प्रदेश में स्वरोजगार का एक मॉडल बनकर उभरेगी
प्रदेश भर में कोयले को लेकर हमेशा से ही सूरजपुर जिला जहां प्रमुख केंद्र रहा है। वही निश्चित तौर पर इस प्लांट से लोगों के घरों तक पहुंचने वाली बिजली,, सूरजपुर जिले को एक नए शिखर तक पहुंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और प्रदेश में स्वरोजगार का एक मॉडल बनकर उभरेगी। प्रदेश में आज जरूरत है ऐसे ही रोजगार के नए आयामों को तलाशने की जिससे बेरोजगार युवाओं को किसी अन्य प्रदेशों में रोजगार की तलाश में जाना ना पड़े ।