नेशनल डेस्क। दिल्ली के कथित आबकारी मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की हिरासत की मांग करते हुए ED के वकील हुसैन ने एक बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि सबूत मिटाने के लिए एक साल के अंदर 14 फोन तोड़ या बदले जा चुके हैं।
वकील ने दावा किया कि मनीष सिसोदिया ने दूसरों द्वारा खरीदे गए फोन और सिम कार्ड का इस्तेमाल किया है ताकि बाद में वह इसे बचाव के रूप में इस्तेमाल कर सकें, यहां तक कि उनके द्वारा इस्तेमाल किया गया फोन भी उनके नाम पर नहीं है।
बता दें कि ED ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को शहर की एक अदालत में पेश किया और उनकी 10 दिन की हिरासत मांगी। ईडी ने दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के एक मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया है। सिसोदिया की पेशी के मद्देनजर ‘राउज एवेन्यू’ अदालत परिसर के भीतर और बाहर सुरक्षा बल की भारी तैनाती की गई।
वहीं आप के समर्थकों ने अदालत परिसर के बाहर धरना दिया और सिसोदिया के समर्थन में नारे लगाए, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थकों ने इस मामले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया। संघीय एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल के समक्ष सिसोदिया को पेश किया और उनके सामने दलील दी गई कि ‘‘घोटाला” सिसोदिया और अन्य द्वारा नयी आबकारी नीति का मसौदा तैयार किए जाने के तुरंत बाद शुरू हुआ।
ईडी के वकील ने कहा कि इस मामले में सिसोदिया के खिलाफ गवाह और अन्य सबूत हैं। उन्होंने कहा कि हवाला के जरिए पैसे के लेन-देन की भी जांच की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि सिसोदिया धन शोधन मामले से संबद्ध गठजोड़ का हिस्सा थे। सिसोदिया को सीबीआई ने दिल्ली की आबकारी नीति (जिसे अब वापस ले लिया गया है) में कथित अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईडी ने इसी से जुड़े धन शोधन के एक मामले में तिहाड़ जेल में सिसोदिया से पूछताछ की और वीरवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।