बिलासपुर। अचानकमार अभ्यारण्य में शिकारियों के बिछाए गए बिजली के तार की चपेट में आकर बायसन की मौत हो गई। इस घटना में वन विभाग के मैदानी अमले की गंभीर लापरवाही सामने आई है, और इस वजह से डिप्टी रेंजर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
बताया जा रहा है कि 8 मार्च की सुबह लोरमी के समीप परसवारा के बीट नंबर 1535 में ग्रामीणों ने एक बायसन को मृत अवस्था में देखा। वह जंगली सूअर को मारने के लिए बिछाए गए बिजली के तार के संपर्क में आ गया था, जिसके चलते उसके अगले पैर में घाव हो गया था। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों को दी। सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
इस मामले में यह जानकारी सामने आ रही है कि मुंगेली वन मंडल के अंतर्गत आने वाले इस इलाके के मैदानी अमले को घटना की जानकारी पहले ही हो चुकी थी। वन भैंसे की मौत की खबर फायर वाचर, वन रक्षक, डिप्टी रेंजर को होने के बाद भी रेंजर और डीएफओ को इसकी जानकारी तीन से चार दिन बाद दी गई। बताया जा रहा है कि वन अमले को उम्मीद थी मामला यूं ही दब जायेगा। मगर ग्रामीणों ने इसकी खबर उच्च अधिकारियों को दे दी।
बायसन की मौत की खबर मिलने पर वन अमले के साथ ही खोजी कुत्ते को भी यहां भेजा गया। पंचनामे के बाद घटना स्थल पर ही बायसन का पोस्टमार्टम कराया गया और वहीं शव को जला दिया गया। पोस्टमार्टम में बायसन की मौत करंट से होने की पुष्टि हुई। इससे यह तय हो गया कि जंगली सूअर जैसे जानवरों का शिकार करने के लिए बिछाए गए करंट से ही बायसन की मौत हुई है। पोस्टमार्टम में यह बात भी सामने आयी है कि बायसन की मौत 72 घंटे पहले हुई है।
इस मामले में यह जानकारी भी सामने आ रही है कि घटनास्थल पर पहुंचे डॉग स्क्वॉड की मदद से एक ग्रामीण को पकड़ा गया था और उससे पूछताछ की गई। CCF राजेश चन्देले ने TRP न्यूज़ को बताया कि ग्रामीण के घर की तलाशी में कोई संदेहास्पद वास्तु नहीं मिली है। चूंकि पुलिस ने उसे रात के वक्त कस्टडी में नहीं लिया है, इसलिए फ़िलहाल उसे छोड़ा गया है, दिन में उससे फिर से पूछताछ की जाएगी। माना जा रहा है कि जांच के दौरान शिकारियों का पूरा दल पकड़ में आएगा।
इधर घटना की जानकारी नहीं देने पर रेंजर ने डिप्टी रेंजर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें समय रहते जवाब नहीं देने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही गई है। पता यह भी चला है कि इस बात की जानकारी DFO शमा फारूकी को भी नहीं दी गई थी। हालांकि DFO के फोन रिसीव नहीं करने के चलते इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
CCF राजेश चन्देले ने बताया कि इस मामले में मैदानी अमले की लापरवाही सामने आयी है, इसलिए उन्होंने DFO से संबंधित अमले को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा है। उन्होंने कहा कि इसमें जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मुख्यालय से वन विभाग की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि होली के आसपास जंगलों में पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए ताकि शिकारियों से वन्य प्राणियों को बचाया जा सके। इसके बावजूद यह हादसा हुआ है। बायसन की मौत की खबर भी ग्रामीणों की ओर से ही वन विभाग को दी गई। ग्रामीणों का कहना है कि होली के दौरान पेट्रोलिंग बिल्कुल दिखाई नहीं दे रही थी। गौरतलब है कि कि आए दिन जंगली सूअर का शिकार करने के लिए करंट लगाकर जाल बिछाए जाते हैं, जिससे घटनाएं हो रही है और वन्यजीव भी मारे जा रहे हैं। बीते दिनों बिलासपुर से लगे सकरी में एक तेंदुआ शिकारियों के जाल में फंस कर घायल हो गया था, जिसकी उपचार के दौरान कानन पेंडारी चिड़ियाघर में मौत हो गई थी।
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