रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर संकट अभी ख़त्म नहीं हुआ है। वर्तमान में विभिन्न विभागों में भर्ती प्रक्रिया तो 58% आरक्षण के तहत शुरू हो गईं हैं, मगर शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया आरक्षण का उल्लेख किये बिना ही संपन्न कराये जाने के निर्देश दिए गए हैं।
छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव एस के सिंह के हस्ताक्षर से जारी इस आदेश में उल्लेख है कि राज्य के शैक्षणिक संस्थाओं /व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु जारी किये जाने वाले विज्ञापनों में आरक्षण प्रावधान का उल्लेख किये बिना ही परीक्षाएं आयोजित कराई जाएं। इसके बाद शैक्षणिक संस्थाओं /व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के समय राज्य में जो आरक्षण प्रावधान लागू होगा, उसके अनुसार ही आरक्षण दिया जायेगा।
इस आदेश में उल्लेख किया गया है कि उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़ बिलासपुर में राज्य शासन के प्रचलित सीधी भर्ती के आरक्षण के संबंध में याचिका क्रमाक W.PIC) No.591 / 2012 एवं इसी तरह की अन्य याचिकाएं दायर की गई थी, जिसमें उच्च न्यायालय ने एक्जाइ निर्णय दिनांक 19.09.2022 पारित करते हुए राज्य में प्रावधानित शासकीय सेवाओं एवं शैक्षणिक संस्थाओं के कुल आरक्षण 58 प्रतिशत को असंवैधानिक माना था। उच्च न्यायालय के पारित निर्णय दिनांक 19.09.2022 के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में एस.एल.पी. दायर करने हेतु विधिवत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिसमें समय लगने की संभावना है।
उक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए राज्य के शैक्षणिक संस्थाओं / व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु जारी किये जाने वाले विज्ञापन में आरक्षण प्रावधान का उल्लेख किये बिना ही परीक्षाएं आयोजित किये जाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही कहा गया है कि शैक्षणिक संस्थाओं / व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के समय राज्य में लागू आरक्षण प्रावधान के अनुसार आरक्षण दिया जायेगा।
प्रदेश में चूंकि शैक्षणिक संस्थाओं / व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश परीक्षा हेतु विज्ञापन जारी होने हैं, इसलिए आरक्षण को लेकर जो नियम कायदे बनाये गए हैं उसमें सुधार का कार्य जारी है। इसमें आरक्षण को लेकर उल्लेख किया जा रहा है कि शैक्षणिक संस्थाओं / व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के समय राज्य में आरक्षण प्रावधान के अनुसार ही आरक्षण दिया जायेगा।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट के फैसले के बाद MBBS में प्रवेश की प्रक्रिया लंबे समय तक अटक गई थी, अंततः पुराने आरक्षण के आधार पर प्रवेश की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ी। इस बार ऐसा न हो इसके लिए शैक्षणिक संस्थाओं / व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के समय राज्य में आरक्षण का जो प्रावधान लागू होगा उसी के मुताबिक छात्रों को प्रवेश दिया जायेगा।
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