सनातन शास्त्रों में सभी एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार यह एकादशी व्रत 11 दिसंबर को किया जाएगा। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसलिए मोक्षदा एकादशी के दिन गीता जयंती (Geeta Jayanti 2024) मनाई जाती है। गीता जंयती के अवसर पर हम आपको गीता के ऐसे श्लोक (Geeta Ke Shlok in Hindi) बता रहे हैं, जो आपके जीवन में सफलता का मार्ग पाने में मदद करेंगे।
1. हतो वा प्राप्यसि स्वर्गम्, जित्वा वा भोक्ष्यसे महिम्।
तस्मात् उत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चय:॥ (द्वितीय अध्याय, श्लोक 37)
गीता के इस श्लोक का अर्थ यह है कि यदि तुम (अर्जुन) युद्ध में वीरगति को प्राप्त होते हो, तो तुम्हें स्वर्ग मिलेगा और युद्ध में सफलता प्राप्त करते हो, तो सभी सुख की प्राप्ति होगी। इसलिए उठो, हे कौन्तेय (अर्जुन), और निश्चय करके युद्ध करो।
2. कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ (द्वितीय अध्याय, श्लोक 47)
इस श्लोक में भगवन श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहते हैं कि कर्म पर ही तुम्हारा अधिकार है, कर्म के फलों में कभी नहीं। इस वजह से कर्म को फल के लिए मत करो। जीवन में कर्म करते रहो और कर्मफल का हेतु भी मत बन।
3.श्रद्धावान्ल्लभते ज्ञानं तत्पर: संयतेन्द्रिय:।
ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति॥ (चतुर्थ अध्याय, श्लोक 39)
इस श्लोक का अर्थ यह है कि जीवन में श्रद्धा, अपनी इन्द्रियों पर संयम रखने वाले जातक जल्द ही ज्ञान प्राप्त करते हैं, फिर ज्ञान मिलने पर जल्द ही परम-शान्ति को प्राप्त होते हैं।
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 दिसंबर को देर रात 03 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 12 दिसंबर को देर रात 01 बजकर 09 मिनट पर होगा। ऐसे में 11 दिसंबर को गीता जयंती मनाई जाएगी।
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 15 मिनट से 06 बजकर 09 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 50 मिनट तक
अमृत काल- सुबह 09 बजकर 34 मिनट से 11 बजकर 03 मिनट तक
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