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समाज के लिए नई और खतरनाक बीमारी लिव इन रिलेशनशिप’, लोकसभा में BJP सांसद ने की कानून बनाने की मांग

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणियों में लिव इन रिलेशनशिप को गलत नहीं ठहराया वहीं हरियाणा के भिवानी-महेंद्रगढ़ से बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह ने लोकसभा में लिव इन रिलेशनशिप के खिलाफ कानून बनाने की मांग कही है। उन्होंने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप के विरुद्ध कानून नहीं बनाया तो भारतीय संस्कृति पर विपरीत असर पड़ेगा।

आम बोलचाल की भाषा में बिना शादी साथ रहने के इन संबंधों को लिव इन रिलेशनशिप कहा जाता है। इन संबंधों को खारिज करने के लिए देश में अभी ऐसा कोई कानून नहीं बना है, लेकिन हरियाणा के भिवानी-महेंद्रगढ़ से भाजपा सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह ने लोकसभा में लिव इन रिलेशनशिप के विरुद्ध कड़े से कड़ा कानून बनाने की मांग कर पूरे देश में लिव-इन की वैधता और अवैधता पर नए सिरे से बहस का बड़ा मुद्दा दे दिया है।

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की कई ऐसी आब्जर्वेशन आई हैं, जिनमें लिव-इन रिलेशनशिप को गलत नहीं ठहराया गया। इसके विपरीत, भाजपा सांसद धर्मबीर सिंह ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान लिव-इन- रिलेशनशिप को भारतीय समाज के लिए बेहद खतरनाक बताया है। धर्मबीर सिंह हरियाणा के जिस भिवानी-महेंद्रगढ़ इलाके का लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं, वह विशुद्ध जाट-अहीरवाल बेल्ट है। न केवल यहां बल्कि पूरे प्रदेश में पगड़ी की शान के लिए हत्याएं आम बात हैं। प्रेम विवाह करने वाले प्रेमी जोड़ों को कोई बार समाज के विरोधी फैसलों का सामना मौत के रूप में करना पड़ा है।

माता-पिता की सहमति से ही प्रेम विवाह किए जाने की अनुमति दी जानी चाहिए

हालांकि पिछले सालों की अपेक्षा ऐसी घटनाओं में काफी कमी आई है और खाप पंचायतें जागरुक हुई हैं, लेकिन सांसद ने लोकसभा में जिस मजबूती के साथ प्रेम विवाह और लिव इन रिलेशनशिप का विरोध किया है, उससे समाज में चर्चा बढ़ना तय है। सांसद धर्मबीर ने कहा कि पूरी दुनिया हमारी संस्कृति और विभिन्नता में एकता की कायल है। भारतीय समाज में सदियों से तयशुदा शादियों की परंपरा रही है। आज भी देश में लोगों का एक बड़ा हिस्सा अपने माता-पिता या सामान्य पारिवारिक सदस्यों द्वारा तय की जाने वाली शादियों को ही प्राथमिकता देता है। शादियों का बंधन पवित्र बंधन माना जाता है, जो कि सात पीढ़ियों तक चलता रहता है।

प्रेम विवाह में तलाक के मामले बढ़ें

सांसद ने आंकड़ों के साथ लोकसभा में कहा कि अमेरिका में तलाक के 40 प्रतिशत मामलों की अपेक्षा भारत में इनकी दर 1.1 प्रतिशत है। तय शादियों में तलाक बहुत कम होते हैं, लेकिन अब तलाक के मामले बढ़े हैं, मगर उनमें प्रेम विवाह से जुड़े तलाक के मामले अधिक होते हैं।

चौधरी धर्मबीर ने केंद्र सरकार से कहा कि प्रेम विवाह में लड़का व लड़के के मां बाप की सहमति को जरूरी बनाने का कानून बनाए जाने की जरूरत है, क्योंकि भारत में बहुत बड़े भाग में समगोत्र व एक ही गांव में शादियां नहीं होती। इसलिए प्रेम विवाहों से गांवों में झगड़े बहुत अधिक होते हैं। इन झगड़ों में खानदान के खानदान बर्बाद हो जाते हैं इसलिए प्रेम विवाह करने से पहले दोनों परिवारों की राय को कानूनी रूप देना जरूरी है।

फिर पश्चिमी देशों और भारत में कोई फर्क नहीं रह जाएगा

सांसद धर्मबीर सिंह ने लिव इन रिलेशनशिप का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय समाज में यह नई और खतरनाक बीमारी है। हाल ही में श्रद्धा वाल्कर और आफताब पूनावाला का नई दिल्ली में मामला सामने आया था, जिसमें दोनों लिव इन में रहते थे। हर रोज ऐसा कोई न कोई केस सामने आ रहा है। इससे सामाजिक तानाबाना और हमारी संस्कृति पर असर पड़ रहा है।

दुनिया हमें जिस सभ्यता और संस्कृति के लिए जानती है, अगर यही हाल रहा तो हमारी संस्कृति एक दिन दम तोड़ देगी और हमारे में और पश्चिमी देशों के लोगों में कोई फर्क नहीं रह जाएगा। चौधरी धर्मबीर ने केंद्र सरकार से कहा कि लिव इन रिलेशनशिप के खिलाफ जल्द से जल्दी कानून बनाया जाना चाहिए, ताकि समाज से यह खतरनाक बीमारी खत्म हो सके।

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