Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 24 मरीजों की मौत से हड़कंप, मरने वालों में 12 नवजात

नांदेड़। महाराष्ट्र के नांदेड़ में सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 24 लोगों की मौत हो गई है. इसमें 12 नवजात भी शामिल हैं. इस घटना से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. लोगों ने अस्पताल में हंगामा किया और मामले की जांच की मांग कर रहे हैं. मामला शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल का है.

जानकारी के मुताबिक, हाफकिन प्रशिक्षण, अनुसंधान एवं परीक्षण संस्थान ने दवाओं की खरीद बंद कर दी है. इस कारण राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की भारी कमी हो गई है. समय पर दवाओं की आपूर्ति नहीं होने के कारण मरीजों को अपनी जान गवानी पड़ रही है.

मरीजों को आखिरी समय पर लाया गया- अधीक्षक

ऐसे में ही शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में पिछले 24 घंटों में 24 मरीजों की मौत हो गई है. मामले में सरकारी अस्पताल के अधीक्षक एस. आर. वाकोडे का दावा है कि इन मृतकों में अतिरिक्त मरीज भी शामिल हैं. मरीजों को आखिरी समय पर अस्पताल में लाया गया था.

‘दवाओं की कमी है, मरीजों का इलाज किया जा रहा’

उन्होंने कहा कि दवाओं की भी कमी है. इसको देखते हुए आस-पास उपलब्ध दवा लिखकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है. डॉक्टर शंकरराव शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय और रुग्णालय (अस्पताल) में 70 से 80 किलोमीटर एरिया के मरीज भर्ती किए जाते हैं. रविवार को 24 घंटे में 12 बच्चों की मौत हुई है. तबादले होने की वजह से थोड़ी परेशानी हुई है. 

‘गंभीर मरीजों के लिए दवाइयां यहां उपलब्ध हैं’

हाफकिन से दवाइयों की खरीददारी होने वाली थी. मगर वो नहीं हो सकी. इस कारण थोड़ी परेशानी हुई है. मरीजों की संख्या बढ़ जाने के कारण बजट में भी थोड़ी कमी आई. दवाई न होने के कारण मौत हो, ऐसा कभी नहीं होने देते. जरूरत पड़ने पर स्थानीय लेवल पर दवाइयां खरीदकर दी जाती हैं. बजट के हिसाब से गंभीर मरीजों के लिए दवाइयां यहां उपलब्ध हैं. 

https://khabar36.com/panic-due-to-death-of-24-patients-in-24-hours-in-government-hospital/