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सरकारी राशि का बंदरबांट, उमरिया पंचायत में बिना काम हुए 16 लाख रुपए का आहरण, सरपंच ने मामले से पल्ला झाड़ते हुए संचिव के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कलेक्टर से की शिकायत

दुर्गा प्रसाद सेन@बेमेतरा। सरकारी राशि की बंदरबांट का प्रत्यक्ष उदाहरण बेमेतरा जनपद पंचायत के ग्राम उमरिया में देखने को मिल रहा है ।  यहां 15 वे वित्त की राशि का अपनी चहतों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर आहरण कर लिया गया । उल्लेखनीय है कि यह राशि गांव के विकास व मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के लिए शासन की ओर से पंचायत उपलब्ध कराई गई थी । जहां पंचायत में बिना काम हुए करीब 16 लाख रुपए आहरण कर लिया गया है । इस फर्जीवाड़ा में सरपंच व संचिव की मिलीभगत उजागर हुई है । हालांकि सरपंच पूर्णिमा साहू मंगलवार को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बेमेतरा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बेमेतरा एवं कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर गड़बड़ी के लिए पंचायत संचिव को जिम्मेदार बताते हुए कार्रवाई की मांग की है ।उल्लेखनीय है कि पंचायत के 15 वे वित्त की राशि 16 लाख 18 हजार 900 रुपए को सिर्फ 3 महीने के भीतर में संचिव सुमन सिंन्हा के द्वारा अपने नजदीकी लोगों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर आहरण किए जाने के आरोप लग रहे हैं । 

राशि की बंदरबांट से ग्रामीणों में खासी नाराजगी

खबर छत्तीसी को कई ग्राम पंचायतों में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितता की शिकायतें मिल रही हैं ।  इसमें उमरिया ग्राम पंचायत की शिकायत मिलने पर खबर छत्तीसी टीम गांव पहुंचकर ग्रामीणों से हुए विकास कार्यों की जानकारी ली । जहां ग्रामीणों ने राशि आहरण के संबंध में कोई भी जानकारी होने से इंकार कर दिया । गांव में लाखों रुपए के विकास कार्य नहीं होने की बात कही है । गांव के विकास कार्यों के लिए आवे राशि की बंदरबांट उजागर होने से ग्रामीणों में खासी नाराजगी है । 

3 महीने की अवधि में 16 लाख रुपए का आहरण

पूर्व संचिव से मिली जानकारी के अनुसार उमरिया पंचायत के बैंक खाते में 15 वे वित्त की राशि 16 लाख रुपए एवं स्वच्छ भारत मिशन के दो लाख व मूलभूत का 55 हजार जमा थे । स्थानांतरण के बाद कार्यभार सौंपने के दौरान इसकी जानकारी सरपंच व संचिव को दी गई थी ।  प्राप्त जानकारी के अनुसार संचिव सुमन सिंन्हा के द्वारा 27 अक्टूबर 2022 से लेकर जनवरी 2023 तक 16 लाख 18 हजार 900 रुपए बैंक खातों में भेजे गए हैं ।  

पंचायत प्रस्ताव को लेकर सरपंच का गोलमोल जवाब

भुगतान को लेकर पंचायत प्रस्ताव को लेकर सरपंच स्पष्ट जवाब देने में असमर्थ रही । सरपंच पूर्णिमा सांहू ने बताया कि इतनी बड़ी राशि आहरण की उसे जानकारी नहीं है । पेयजल से संबंधित कुछ कार्य हुए हैं ।  जिसमें बोर खनन, दो मोटर पंपों की खरीदी, 7 पानी टंकी का निर्माण आदि शामिल है । इसके अलावा अन्य बैंक खातों में राशि के ट्रांसफर की जानकारी नहीं है, इसलिए कलेक्टर, जिला, जनपद सीईओ से शिकायत कर संचिव पर कार्रवाई की मांग की है । 

सरपंच प्रतिनिधि के खाते में डाले 3.35 लाख रूपए

संचिव के द्वारा सरपंच प्रतिनिधि रामेश्वर साहू के बैंक खाते में भी 3 लाख 35 हजार रुपए ट्रांसफर किए गए हैं । इस संबंध में सरपंच पति ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उसके बैंक खाते में राशि ट्रांसफर कि उसे जानकारी नहीं है और ना ही उसने किसी प्रकार का बिल पंचायत में प्रस्तुत किया है । यह राशि उसके द्वारा पंचायत फंड वापस कर दी जाएगी । 

खातों में राशि डालकर संबंधितो से ली वापस

ग्राम केवाछी निवासी जोहन सिंह वर्मा के बैंक खाते में 1 लाख रूपए भेजे गए हैं । सरपंच ने बताया कि भुगतान के संबंध में जानकारी लेने पर उसने खाते में पैसा आने की पुष्टि की है । जोहन के अनुसार संचिव सुमन सिंन्हा ने खाते में आई राशि को वापस ले लिया । उसके द्वारा पंचायत में किसी तरह का काम नहीं करने की पुष्टि की गई है । इसी तरह ग्राम कारेसरा निवासी रमेश सांहू के बैंक खाते में ढाई लाख रुपए भेजे गए हैं । रमेश साहू ने बताया यह राशि सचिव सुमन सिंन्हा के द्वारा राशि वापस ले ली गई । पंचायत में किसी तरह का कार्य इनकार कर दिया गया । 

पंचायत संचिव ने 13 लोगों के बैंक खाते में 40 बार ट्रांजैक्शन 

पंचायत संचिव ने 13 लोगों के बैंक खाते में 40 बार ट्रांजैक्शन किया है । जिसमें सरपंच प्रतिनिधि रामेश्वर सांहू के बैंक खाते में 3 लाख 35 हजार, रमेश सांहू ग्राम कारेसरा 2 लाख 46 हजार, फर्नीचर दुकान बेमेतरा 1 लाख 35 हजार, मोटर पंप दुकान बेमेतरा 4 लाख 84 हजार, जोहन सिंह वर्मा 1 लाख, ललित मांडले समेत कुल 16 लाख 18 हजार 900 रुपए भेजे गए हैं । खातों में भेजी गई राशि का हिसाब बताने सरपंच बताने में असमर्थ रहे, उन्होंने सारी जिम्मेदारी पंचायत सचिव पर डाल दी है । 

इस संबंध में सरपंच की शिकायत मिली है, शिकायत पर बेमेतरा जनपद पंचायत सीईओ को जांच टीम गठित कर अति शीघ्र जांच पश्चात करवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं ।

कार्यों के आधार पर राशि का भुगतान किया गया है । इसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं है । सरपंच के द्वारा निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं । 

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