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सरगांव प्लान्ट हादसा…इंजीनियर समेत 4 की मौत…प्रशासन ने बनाया परिजनों पर दबाव.. प्रबंधन काट रहा मंत्रालय का चक्कर..अधिकारी करते रहे बेतुकी बात

बिलासपुर—सरगांव स्थित रामबोड़ कुसुम इस्मेैल्टर पावर प्लान्ट सायलो हादसा को पूरे दिन हो गये है। घटना के 72 घंटे बाद सायलो और राख में दबे तीन मृतको को बाहर निकाला गया। चौथे कर्मचारी की पहले ही दिन घटना के दौरान मौत हो चुकी है। तीन मृत शरीर को देर रात्रि सिम्स लाया गया था। आज सुबह सिम्स स्थित मरच्यूरी में तीनों का पीएम होना था। लेकिन परिजनों ने बखेड़ा कर पोस्टमार्टम कराने से रोक दिया। परिजनों ने कहा कि जब प्रत्येक परिजन को एक सरकारी नौकरी प्रति व्यक्ति 1 करोड़ का मुआवाज नहीं दिया जाता है। पोस्टमार्टम की कार्रवाई नहीं होने देंगे। बताया जा रहा है कि परिजनों पर दबाव बनाने रायपुर से लगातार मुंगेली जिला और पुलिस प्रशासन पर दबाव है। सूत्रों की माने तो प्रबंधन की तरफ से मैनेजर दो करोड़ के साथ मंत्रालय और मंत्री का चक्कर काट रहा है। बहरहाल प्रशासन के दबाव में प्रकाश यादव का पीएम हो गया है। लेकिन दो शव के परिजन पीएम नहीं होने दिया। दोनों का शव फ्रीजर मे रखा गया है।

             बीती रात्रि दो दिन पहले सरगांव तहसील के रामबोड़ गांव में कुसुम इस्मेल्टर प्लांट का सायलो हादसा में कुल लोगों की मौत हो गयी है। पहले दिन मनोज धृतलहरे का शव बरामद किया गया। करीब 72 घंटे बाद सायलो और राख को हटाने का बाद तीन शव पुलिस ने अपने कब्जे में लिया। तीनो शव को रात्रि में ही सिम्स में पोस्टमार्टम लाया गया। आज दिन भर मुंगेली जिला और पुलिस की कवायद के बाद भी परिजनों ने शर्तों का पालन नहीं होने तक पीएम कराने से इंकार कर दिया। अन्ततः प्रशासन को प्रकाश यादव के शव को पोस्टमार्टम कराने में सफलता मिल गयी है। दो शव को अभी भी फ्रीजर से नहीं निकाल गया है।

क्या है मामला

     जानकारी देते चलें कि दो पहले रामबोड़ स्थित कुसुम स्मैल्टर प्लान्ट का पांच सौ टन बजनी सायलो भरभरा कर गिर गया। सायलो गिरने से जमीन पर 80 टन राख का पहाड़ बन गया। जानकारी के अनुसार इस दौरान सैंकड़ों मजदूर लंच पर थे। बावजूद इसके मौके पर कुछ लोग राख के पहाड़ और सायलों की चपेट में आ गए। जानकारी मिलते ही मुंगेली से रायपुर तक हाहाकार मच गया। आनन फानन में रेस्क्यू अभियान चलाया गया। पहले दिन मात्र एक मजदूर दगोरी निवासी मनोज धृतलहरे का ही शव बरामद हुआ। जांच पड़ताल के दौरान जानकारी मिली कि तीन लोग अभी सायलो और राख के नीचे दबे हैं।

मुख्यमंत्री का आदेश विधायक का दौरा

जानकारी देते चलें कि घटना करीब एक से दो बजे की बीच की है। ठीक उसी समय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय चकरभाठा दौरे पर थे। जानकारी मिलते ही उन्होने तत्काल जांच और मुआवजा के साथ रेस्क्यू चलाने का आदेश दिया। घटना के बाद स्थानीय विधायक धरमलाल कौशिक दूसरे दिन मौके पर पहुंचे। उन्होने बताया कि घटना गंभीर है। प्रबंधन की लापरवाही भी सामने आ रही है। मामले में राज्यस्तरीय जांच की जरूरत है। उन्होने बताया कि रेस्क्यू अभियान में कई प्रकार की बाधा आ रही है।

सायलो काटकर निकाला गया शव

 घटना के करीब 30 घंटे बाद राख और सायलो के नीचे दबे तीन शव को बाहर निकाला गया। इसके पहले रेस्क्यू टीम ने सायलो को गैस कटर से काटा। तीनो शव को बरामद कर सिम्स लाया गया।

क्षत विक्षत मिली लाश

 रेस्क्यू टीम ने राख और सायलो के नीच से क्षत विक्षत लाश बरामद किया। बरामद लाश की पहचान प्लान्ट इंजीनियर जबड़ापारा बिलासपुर  निवासी जयंत साहू, अकोली बलौदाबाजार निवासी प्रकाश यादव, और टांगा जांजगीर निवासी अवधेश कश्यप है। जयंत साहू समेत अन्य मृतक के परिजनों ने बताया कि प्लान्ट प्रबंधन की लारवाही से हादसा हुआ है। नाम नहीं छापने की शर्त पर सिम्स के एक डाक्टर ने बताया कि मृतक शरीर क्षत विक्षत है। दो मृतको सीना चार टुकड़ा हो गया है। किसी का आधा शरीब पुरी तरह से जल गया है। एक का तो सिर ही नहीं है। मृतक की क्षत विक्षत शरीर देखकर परिजनों का गुस्सा फूटना वाजिब था। और ऐसा सिम्स के मरच्यूरी के सामने देखने को भी मिला।

एक एक करोड मुआवाजा और नौकरी की मांग

शव के साथ पहुंचे मृतकों के परिजनों ने कहा कि जिन्दगी से ज्यादा कुछ नहीं होता है। लेकिन उन पर मुंगेली जिला और पुलिस प्रशासन समझौला का दबाव बना रहा है। हम चाहते हैं कि प्रत्येक मृतक परिजनों को एक एक करोड़ मुआवजा मिले। इसके अलावा परिवार के जीविकोपार्जन के लिए सरकारी नौकरी भी मिले। जब तक उनकी मांग पुरी नहीं होगी..हम पोस्टमार्टम के कागज पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।

प्रशासन बना रहा लगातार दबाव

सिम्स मरच्यूरी के सामने मुंगेली जिला प्रशासन के आलाधारी समेत बिलासपुर प्रशासन के अधिकारी पूरे समय नजर आए। इस दौरान एडीएम निष्ठा पाण्डेय समेत एसडीएम मुंगेली,सरगांव तहसीलदार के अलावा तहसीलदार प्रकृति ध्रुव मौजूद थी। बिलासपुर तहसीलदार राहुल शर्मा भी मौके पर मौजूद थे। मुंगेली पुलिस प्रशासन की भी उपस्थिति नजर आयी। मौके पर अच्छी खासी पुलिस का जमावड़ा नजर आया।

                  मुंगेली प्रशासन के अधिकारी इस दौरान परिजनों पर लगातार पोस्टमार्टम के लिए दबाव डालते रहे। एक एक करोड़ की मांग पर मुंगेली के अधिकारी आपस में बातचीत करते हुए पाए गये कि हम लोग पढ़ लिखकर बडी नौकरी पाए। इतना पैसा हमें नहीं मिलता तो इन गरीबों की औकात ही नहीं कि कोई एक एक करोड़ मुआवजा में दे। इस बात की जानकारी के बाद परिजन काफी नाराज नजर आए।

2 करोड़ के साथ मंत्रालय का चक्कर

नाम नहीं छापने की सूरत में प्लारन्ट के एक कर्मचारी ने बताया कि हमारा सेठ मैनेजर को दो करोड़ देकर रायपुर भेजा है। मैनेजर मामले को दबाने के लिए मंत्रालय और मंत्री का चक्कर काट रहा है। प्रशासन भी रायपुर के इशारे पर लगातार दबाव बना रहा है।  दस लाख मुआवजा लेने के लिए कहा रहा है।

 परिजनों ने कहा समझौता नहीं

    जबड़ापारा निवासी जयंत साहू प्लान्ट में सब इंजीनियर के पद पर था। घटना के दौरान मौत हो गयी। जयंत साहू के परिजनों ने सवाल किया कि क्या इंजीनियर का परिवार एक करोड़ का  क्यों नहीं हो सकता है। सभी को एक एक करोड़ का मुआवजा चाहिए। बार बार कहे जाने के बाद भी मुंगेली जिला प्रशासन हम पर लगातार दबाव बना रहा है। धमकी भी दे रहा है कि यदि पोस्टमार्टम नहीं किया गया तो लाश सड़ जाएगी। लेकिन हम झुकने वाले नहीं है।

प्लान्ट मैनेजर और मालिक फरार

जानकारी के अनुसार प्लान्ट मालिक सतीश अग्रवाल,आदित्य अग्रवाल,विशाल अग्रवाल समेत अन्य मालिक फरार है। इसके अलावा मैनेजर केड़िया का अता पता नहीं है। परिजनों ने बताया मैनेजर और मालिक  रायपुर में मंत्री और मंत्रालय का चक्कर काट रहे है। यह भी जानकारी मिली है कि प्लान्ट मालिक ने मुंगेली जिला और पुलिस प्रशासन को मामले मेैं समझौता करवाने का ठेका दिया है। और आज इस कवायद को सिम्स में दिन भर होते देखा भी गया।

 खबर लिखे जाने तक जानकारी मिली है कि मरच्यूरी में रखे गए तीन शव में से एक शव का पीएम हो गया है। मृतक का नाम प्रकाश यादव है।

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