रायपुर. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में अभी समय है, लेकिन चुनावी माहौल बनने लगा है. नेताओं की बयानबाजी में इसका असर दिखने लगा है. कांग्रेस की महिला प्रवक्ता वंदना राजपूत के ही बयान को लें. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में वंदना ने कहा, शर्मा ने छत्तीसगढ़ की महिलाओं को बेवकूफ कहा. छत्तीसगढ़ से तो सरोज पांडेय भी आती हैं तो वह भी बेवकूफ हुई ना. महिलाओं के इस अपमान भरे शब्दों के लिए शर्मा को छत्तीसगढ़ की महिलाओं से माफी मांगनी होगी.
वंदना राजपूत ने कहा, मोदी राज में देश में महिलाओं की स्थिति चिंताजनक है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा सिर्फ कागजों में है. भाजपा नेता बेटियों का शोषण करते हैं. नेता प्रतिपक्ष के बेटे पलाश चंदेल पर रेप का आरोप लगा है. छत्तीसगढ़ के कानून के डर से पलाश चंदेल फरार है. इस पर रेखा शर्मा मौन क्यों हैं? भाजपा के नेता और नेत्रियां ही बलात्कारी को संरक्षण देते हैं. कांग्रेस शासन में कानून का राज है, इसलिए तो अपराधियों मे खौफ रहता है.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, महिला आयोग की मुखिया होकर झूठ बोलना शोभा नहीं देता है. इसमें रेखा शर्मा जी की गलती नहीं है. भाजपा के DNA में ही है झूठ बोलना है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार आने के बाद ही तो महिलाओं की स्थिति में सुधार आई है. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के 15 साल के कार्यकाल में महिलाओं के साथ अत्याचार, बलात्कार के मामले में देश में दूसरे नंबर पर था. 12 प्रतिशत की दर से बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही थी. हर दिन औसतन 6 महिलाएं बलात्कार की शिकार होती थी और ना जाने कितनी महिलाओं ने आत्महत्या कर ली.
झलियामारी कांड, मीना खलखो कांड को लोग कभी भुला नहीं पाएंगे. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में जंगलराज था, इसलिए तो पीड़ित महिलाओं की शिकायत भी दर्ज नहीं की जाती थी. वर्ष 2022 में राष्ट्रीय महिला आयोग को महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की 31,000 शिकायतें मिली हैं, जो 2014 के बाद से उच्चतम संख्या को सूचित करती है. इनमें से 55 प्रतिशत शिकायतें उत्तर प्रदेश से है. क्या रेखा शर्मा को यह दिखाई नहीं देता कि मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, जहां-जहां भाजपा शासन है, वहां पर महिलाओं की स्थिति चिंताजनक है.