नितिन@रायगढ़/ खरसिया। छत्तीसगढ़ राज्य में एक तरफ कांग्रेस सरकार के शासन को पूरे साढ़े चार साल होने जा रहे हैं,तो दूसरी तरफ राज्य में आगामी विधान सभा चुनाव का दौर भी पास आ चुका है।
लोगों की माने तो राज्य का बहुत बड़ा वर्ग कांग्रेस सरकार की वादा खिलाफी और कार्यशैली से असंतुष्ट नजर आ रहा है। यही वजह है सरकार विरोधी प्रदर्शन भी बीते कुछ दिनों में काफी बढ़े हैं।
इस क्रम में खरसिया विधानसभा के वर्तमान विधायक एवं राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल के गृह ग्राम नंदेली स्थित आवास का घेराव करने स्कूल सफाई कर्मचारी संघ के बैनर तले सैकड़ों अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी आ पहुंचे।उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में वर्तमान कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने उनसे वायदा किया था कि सफाई कर्मी उन्हे वोट करते हैं तो वो अपने घोषणा पत्र में उनकी मांग को शामिल करते हुए सरकार बनने के तुरंत बाद उन्हें अंश कालीन से पूर्ण कालीन कर्मी बना दिया जाएगा।। हालाकि आज साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी उनकी मांग पूरी नही हुई है। अतः उन्हें आंदोलन की राह अपनानी पड़ी है।
कैबिनेट मंत्री का आवास घेरने आए सफाई कर्मचारी अपने एकसुत्रीय मांग कि “उन्हे अंशकालीन सफाई कर्मचारी से पूर्णकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी बनाया जाए को लेकर यहां पहुंचे थे”।
हालांकि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश नंदकुमार पटेल के निवास का घेराव करने के पूर्व ही बीच रास्ते में पुलिस के द्वारा उन्हे रोक लिया गया। यहां पुलिस ने उन्हे समझाइश देकर वापस भेज दिया।
यहां ध्यान देने योग्य बात यह सामने आई कि अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी संघ के सदस्यों के द्वारा इस बात की शपथ ली गई कि आचार संहिता के पूर्व यदि उनकी बहुप्रतीक्षित उनकी मांग पूरी नही हुई तो उनके संघ का कोई भी सदस्य और उसके परिजनों में से कोई भी व्यक्ति कांग्रेस पार्टी को वोट नहीं देगा।