रायपुर। आज के पैरेंट्स बच्चों के लिए शॉर्ट कट देखते हैं। सालभर ट्रेनिंग कराकर स्टेज परफॉर्म की चाह रखते हैं। जबकि संगीत एक साधना है। पैरेंट्स को यह समझने की जरूरत है। हमारी जिम्मेदारी है कि बच्चों को अपनी संस्कृति, संस्कार और परंपरा की जानकारी दें। ताकि वे कहीं इन्फ्लूएंस ना हों। इसलिए हम डांस, म्यूजिक और कल्चर के जरिए बच्चों को अवेयर करते हैं। यह कहा, कुचिपुड़ी गुरु पद्मश्री जयराम राव ने। मंगलवार को उन्हें नृत्य श्रीधारा अवॉर्ड फेस्टिवल में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। उन्होंने कहा, बच्चों के पास कई ऑप्शन है लेकिन कलाकार कम ही बन पाते हैं।
60 देशों में दी प्रस्तुति
वैसे तो कुचिपुड़ी साउथ इंडियन डांस है लेकिन आज देश के हर स्टेट में मेरे स्टूडेंट हैं। पहले लड़कियां इस डांस फॉम नहीं आती थीं। 1970 में मैं आंध्र प्रदेश से दिल्ली गया और वहां गर्ल्स को सिखाना शुरू किया। बीते तीस साल में मैंने गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की तरफ से करीब 60 देशों में प्रस्तुति दी है।
मीनाक्षी शेषाद्री को सिखाया
मैंने कई हस्तियों को कुचिपुड़ी की ट्रेनिंग दी है। उन्हीं में से अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्री भी हैं। प्रशिक्षण देने की यात्रा थमेगी नहीं। ये अनवरत जारी रहेगी। बता दें कि गुरु जयराम राव को 1999 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और 2004 में पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा गया।
प्रह्लाद नाटकम, कथक और कृष्ण भजन की प्रस्तुति
कार्यक्रम में बतौर अतिथि राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त पद्मा मनहर, टूरिज्म डिपार्टमेंट के चीफ गेस्ट अनिल साहू, संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य शामिल हुए। गुरु जयरामा राव ने प्रह्लाद नाटकम की शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया। इसके बाद अनुराधा दुबे ने कथक की बेहतरीन प्रस्तुति दी। इन्हें नृत्य श्रीधारा सम्मान दिया गया। चितरंजन कर ने स्वरचित कृष्ण भजन की प्रस्तुति दी। इनका भी अतिथियों ने सम्मान किया।
आज के कार्यक्रम
शाम सात बजे पद्म विभूषण और ग्रैमी अवॉर्डी पंडित विश्व मोहन भट्ट मोहन वीणा की प्रस्तुति देंगे। उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। इसके बाद ग्रुप ओडिसी डांस, प्रफुल सिंह गहलोत की कथक प्रस्तुति होगी। समापन उमेश निर्मलकर के पंथी नृत्य से होगा।