नितिन@रायगढ़। शहर के चक्रधरनगर चौक में रेल्वे क्रासिंग के पास स्थिति निगम कॉम्प्लेक्स में भारी गंदगी और अव्यवस्था का आलम है। कॉम्प्लेक्स में करीब 20 दुकान संचालित होती है। जिनमें से 8 से 10 दुकानों में मांस मछली विक्रेता अपना कारोबार करते हैं। शेष बची दुकानों में दूसरे छोटे कारोबारी राशन और दूसरे तरह का कारोबार करते हैं।
इन दिनों निगम प्रशासन की लापरवाही से इस कॉम्प्लेक्स दुकानदारों का जीना मुहाल हो चुका है। इसके पीछे की वजह कॉप्लेक्स के आसपास फैली भारी गंदगी और अव्यवस्था है। इतने बड़े कॉम्प्लेक्स में निगम प्रशासन ने अब तक न तो साफ सफाई करवाई है न ही पीने के साफ पानी और सड़क का निर्माण किया है।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि साल दो साल में जब भी हमारी समस्या मिडिया के माध्यम से सामने आती है उसके बाद दिखावे के लिए निगम हल्की फुल्की साफ सफाई करवा देता है। लेकिन कॉम्प्लेक्स से राजस्व की वसूली बराबर की जाती है। साल दो साल में एकाध बार सफाई होने के कारण मास मछली कारोबारियों के द्वारा फैलाई गई गंदगी से न केवल बदबू आती है बल्कि संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा अलग बना रहता है।
ऊपर से सड़क और पक्की नाली के अभाव में लोगों को आवागमन में भी भारी परेशानी होती है।
मामले को लेकर निगम की नेता प्रतिपक्ष श्रीमती पूनम सोलंकी का कहना है कि पहले तो रेल्वे की भूमि पर निगम प्रशासन को इस तरह के व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण ही नही करवाना था। क्योंकि वहां किसी भी प्रकार के पक्के निर्माण का प्रयास किए जाने पर रेल विभाग हमेशा से आपत्ति करता रहा है। अब जब निगम प्रशासन ने कॉपम्लेक्स का निर्माण करवा ही दिया है,तो कॉम्प्लेक्स के रख रखाव और वहां की मूलभूत सुविधाओं के लिए प्रशासन को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। परंतु यह बहुत दुःख का विषय है कि दोनों मामलों में वर्तमान निगम प्रशासन गंभीर लापरवाही बरत रहा है। जिससे कॉम्प्लेक्स के व्यवसाईयों और उसके आसपास के रहवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। यहां की समस्याओं को ध्यान में रखकर मैं अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए निगम प्रशासन का ध्यान इस तरफ आकर्षित करने का प्रयास करूंगी।