नई दिल्ली। बीते साल कोरोना महामारी ने दुनिया भर में भारी तबाही मचाई थी और इसके संक्रमण से लाखों लोगों की जान चली गई। इस बीच वैज्ञानिकों की टीम ने कोरोना पर काबू पाने वैक्सीन की खोज कर ली और कोरोना महामारी के खिलाफ चलाए गए वैक्सीनेशन अभियान से लाखों लोगों की जान बच गई। कोरोना संक्रमण का दौर अभी थमा नहीं है । इस बीच विकसित की गई वैक्सीनों को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं । इसी में से एक है एमआरएनए वैक्सीन।
इसके बारे में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इसको लेने वाले हर 800वें इंसान में कार्डिक अरेस्ट हो रहा है । यह दर काफी ज्यादा और खतरनाक है । यह अध्ययन अमेरिका में किया गया है और इस रिपोर्ट के बाद वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है । अमेरिका के जानेमाने फिजिशियन, क्लिनिकल साइंटिस्ट और अध्ययन के लीड ऑथर जोसेफ फ्राइमैन ने दुनिया की दो सबसे बड़ी कंपनियों फाइजर और मडेरना की एमआरएनए कोविड-19 वैक्सीन के प्रभावों का विश्लेषण किया है। इस विश्लेषण के बाद दावा किया गया है कि इन दोनों वैक्सीन में इस्तेमाल आरएनए एमआरएनए फॉर्मूले का इंसान पर बेहद खतरनाक प्रभाव पड़ रहा है ।
अमेरिका के ल्यूसियाना के रहने वाले फ्राइमैन ने इस बारे में एक वीडियो शेयर किया है । उन्होंने बताया है- हमने अध्ययन में पाया कि इस वैक्सीन ने गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाला है । यह प्रभाव 800 में से एक व्यक्ति की दर से देखा गया । अध्ययन को प्रकाशित करने के समय मैं और मेरे कोऑथर यह नहीं समझ पा रहे थे कि हमारे एक अध्ययन के आधार पर इस वैक्सीन पर रोक लगाने की मांग सही होगी या नहीं, लेकिन हमारी रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद तमाम अन्य साक्ष्य भी सामने आ चुके हैं और हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि इस वैक्सीन को तुरंत बाजार से हटाया जाना चाहिए।