शिव शंकर साहनी@अम्बिकापुर। जिला मुख्यालय में स्थित सीआरपीएफ की 62 वीं बटालियन ने आज अपना 44 वां स्थापना दिवस मनाया,इस दौरान ड्यूटी के दौरान शहीद जवानों को श्रद्धांजलि भी दी गई,, और बृक्षारोपण का कार्यक्रम भी बटालियन परिषर में किया गया ।
आपको बता दे कि सीआरपीएफ 62 वीं बटालियन की स्थापना वर्ष 13 अगस्त 1979 को भुवनेश्वर ग्रुप केन्द्र में तत्कालीन अंतरिम सुरक्षा विरोधी परिस्थितियों से निपटने के लिए की गई थी ,,जिसके बाद ये कंपनी देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी सेवाएं दे चुकी है ,,
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में 2009 में बटालियन का सराहनीय योगदान रहा है और नक्सलवाद से बटालियन के जवानों ने जमकर लोहा भी लिया और इसी दौरान 62 वी बटालियन में तैनात जवानों ने 6 अप्रैल 2010 को सुकमा जिले के ताड़मेटला और चिंतलनार में नक्सलियों से मुठभेड़ में जवानों की सहादत हुई थी ,,
जिन्हें आज बटालियन के सभी कर्मचारियों के साथ सभी अधिकारियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिए है ,,,इस दौरान कंपनी कमांडेंट प्रमोद कुमार ने बताया है कि बलरामपुर जिले में झारखंड की सीमावर्ती क्षेत्र में कभी नक्सलियों का बोल बाला था और यहाँ पर ग्रामीण जनता परेशान थी ,लेकिन जब से क्षेत्र में सीआरपीएफ की 62 वी बटालियन ने अपना मोर्चा संभाला है तब से नक्सली बैकफ़ुट पर है और यही वजह है आज उस क्षेत्र में एक फिर से अमन चैन कायम हो चुका यह और विकास के नए नए आयाम गढ़े जा रहे है ,,जिसमें सीआरपीएफ के 62 वीं बटालियन का सराहनीय योगदान रहा है ,,,वही आज के कार्यक्रम के मुख्यालय परिषर में सभी अधिकारियों ने वृक्षारोपण भी किये है ।