धरमजयगढ़। कोयला आधारित बिजली कारखानों के लिए FLY ASH इतनी बड़ी समस्या बन गई है कि प्लांट प्रबंधन कहीं भी जमीन समतल करने के नाम पर अनुमति लेकर FLY ASH फेंक रहे हैं। धरमजयगढ़ के छाल इलाके में तो स्कूल परिसर और मनरेगा के तहत प्लांटेशन के लिए चिन्हित जमीन पर सैकड़ों टन राख फेंक दी गई है। इसे रोकने के लिए पूर्व में नोटिस जारी करने वाले इलाके के SDM बताते हैं कि ग्राम पंचायत की सहमति पर पर्यावरण संरक्षण मंडल ने वहां राख फेंखने की अनुमति दी है।
यह पूरा मामला रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र के छाल गांव के हायर सेकंडरी स्कूल का है, जहां स्कूल परिसर के भीतर कई एकड़ जमीन पर अवैध रूप से फ्लाई ऐश डाल दिया गया है। इस मामले में शा हा स्कूल छाल के प्राचार्य लोचन राठिया ने कहा कि स्कूल परिसर में स्थित गड्ढों को पाटने के लिए सरपंच की देख-रेख में चार पांच डम्फर डस्ट गिराने को कहा गया था। मगर यहां तो सैकड़ों टन राख फेंक दी गई है। भूपदेवपुर थानांतर्गत आने वाले इस इलाके में KSK नामक पॉवर प्लांट के FLY ASH को एक ठेकेदार के माध्यम से डलवाया जा रहा है।
स्कूल परिसर में सैकड़ों टन फ्लाई ऐश डंप किये जाने के सवाल पर प्राचार्य ने कहा कि ज्यादा मात्रा में राख गिराने से पीछे नाला है, जिसमे बह कर जाएगा और किसानों के खेत को बर्बाद करेगा। प्राचार्य ने सरपंच को जाकर मना भी किया मगर राख का डंप करना जारी रहा।
छाल पंचायत के रोजगार सहायक ने बताया कि स्कूल परिसर में मनरेगा योजना के तहत 300 पौधे लगाए जाने की स्वीकृति मिली है। इस मद से यहां कुछ काम भी हुआ है, बावजूद इसके यहां पर राख डाल दी गई है। सरकार की महत्वपूर्ण योजना को धता बताकर इस परिसर को राख से पाट दिया गया है।
धरमजयगढ़ ब्लाक के ही छाल तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत बांधापाली के सीमा क्षेत्र जो कि छाल-घरघोड़ा मुख्य मार्ग पर विवेकानंद कान्वेंट स्कूल के थोड़ी ही दूरी पर शासकीय भूमि स्थित है, यहां भी घरघोड़ा के TRN कंपनी से निकलने वाली फ्लाई ऐश से पाट दिया गया है और लगातार यह काम जारी है। यहां फ्लाई ऐश से भरे डंपर भारी वाहन से प्रतिबंधित मार्ग पर घुसकर फ्लाई ऐश पाटने का काम कर रहे हैं। मजे कि बात तो यह है कि ग्राम पंचायत बांधापाली के दर्जनों एकड़ शासकीय भूमि पर स्थानीय हल्का के पटवारी खलखो के द्वारा सरकार को गुमराह करते हुए रिपोर्ट दी गई, जिसके चलते यहां राख फेंकने की अनुमति दे दी गई है। बस्तीनुमा मोहल्ले के बीच यहां राख का डिपॉजल किया जा रहा है, जो बाद में यहां के लोगों के लिए मुसीबत बनेगा।
रायगढ़ निवासी किसी दीपक अग्रवाल नामक ठेकेदार द्वारा यह काम किया जा रहा है। दरअसल गड्ढों में राख को नियमों का पालन करते हुए फेंककर मिट्टी से समतल किये जाने का प्रावधान होता है, मगर यहां ठेकेदार मशीन से मिट्टी की खुदाई करवा रहा है और उस गड्ढे में राख फेंक रहा है, जो पूरी तरह गलत है।
छाल इलाके में अनेक स्थानों पर, स्कूल परिसर और आसपास के इलाके में राख फेंके जाने के संबंध में धरमजयगढ़ के SDM डिगेश पटेल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पूर्व में उन्हें पता नहीं था कि ग्राम बांधापाली में राख फेंकने की अनुमति ली गई है या नहीं, उन्होंने TRN कंपनी को नोटिस जारी किया था, मगर बाद में पता चला कि बांधापाली में पंचायत की सहमति से पर्यावरण संरक्षण अधिकारी ने राख डालने की अनुमति दी है। मगर छाल पंचायत में स्कूल परिसर में जो राख फेंकी गई है, उनकी जानकारी में इसकी अनुमति पर्यावरण संरक्षण मंडल से नहीं ली गई है। यह पूरी तरह गैरकानूनी है। उन्होंने पटवारी द्वारा गलत प्रतिवेदन और बिना अनुमति राख फेंके जाने के मामले की जांच करने की बात कही है।
SDM डिगेश पटेल जहां एक ओर स्कूल परिसर में राख फेंके जाने की अनुमति नहीं दिए जाने की बात कह रहे हैं वहीं दूसरी ओर रायगढ़ जिले के पर्यावरण संरक्षण अधिकारी अंकुर साहू का कहना है कि स्कूल प्रबंधन और ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर स्कूल के खेल मैदान को समतल करने के लिए वहां पर राख फेंकने की अनुमति दी गई है। अंकुर साहू ने यह भी बताया कि अनुमति देने से पहले NGT की गाइडलाइन के तहत एक टीम बनाकर स्थल निरिक्षण कराया गया है, मगर उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है कि जहां राख फेंकी जा रही है उसके पास ही नाला है। TRP न्यूज़ द्वारा इसके बारे में बताये जाने पर उन्होंने जांच करने की बात कही।
कुल मिलाकर राख के निष्पादन के लिए पॉवर कंपनी इलाके में कहीं भी गड्ढा दिखा दे चाहे वो स्कूल परिसर या आबादी वाला इलाका क्यों न हो, सभी जगह राख फेंके जाने की अनुमति दे दी जाएगी। जबकि NGT की गाइडलाइन में अनेक कड़े प्रावधान हैं, जिसका पालन पर्यावरण संरक्षण अधिकारी और राजस्व अमले द्वारा नहीं किया जा रहा है। अधिकारी अंकुर साहू तो केवल ग्राम पंचायत की अनुशंसा और अपनी टीम की रिपोर्ट के आधार पर अनुमति देने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं, वहीं इलाके के SDM डिगेश पटेल को भी स्थल निरीक्षण की फुर्सत नहीं है। प्रशासनिक अमले को तो केवल कागजी घोड़े दौड़ाने हैं, उन्हें इलाके के लोगों को होने वाली परेशानी से क्या वास्ता।
बहरहाल देखने वाली बात यह है कि जिले के मुखिया के संज्ञान में यह मामला आने के बाद इस अवैध कार्य में लिप्त जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती भी है या नहीं।
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