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स्वर्ण मंदिर के तर्ज पर वाहन को सजाकर सिखों ने निकाली शोभायात्रा

गोवर्धन सिन्हा@डोगरगढ़। धर्म नगरी के नाम से प्रसिद्ध डोंगरगढ शहर जहाँ पर सभी समुदायों के धर्म स्थल मौजूद है। इसी प्रकार सिख समाज का बड़ा सा गुरुद्वारा भी है। सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरुनानक साहेब की आज 554 वी जयंती को बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। कीर्तन करते हुए गुरुद्वारा से प्रारम्भ होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए पंच प्यारो की अगुवाई में निकली गुरूनानक देव जी की शोभायात्र की खासबात यह रही कि अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के तर्ज पर ट्रक को सजाया गया था। जो आकर्षण का केंद्र रहा।

पंचप्यारे के रूप में शामिल हरमीत सिंग,तजिंदर सिंग ,सुरेंद्र सिंग,तरलोचन सिंग, हरप्रीत सिंग,जगह जगह चौक चौराहे पर पर गुरु ग्रंथ साहिब की शोभायात्रा का स्वागत किया। डोंगरगढ़ सिख समाज ने प्रथम गुरु गुरु नानक के प्रकाश पर्व पर रविवार को सिख समाज द्वारा शहर में पांच प्यारों की अगुवाई में गुरु ग्रंथ साहिब की भव्य शोभायात्रा निकाली गईं। समाज के द्वारा आतिशबाजी, फूल मालाओं से शोभा यात्रा का आत्मीय स्वागत किया गया। इस दौरान भाजपा व कांग्रेस नेताओं सहित अन्य लोगों ने भी शोभायात्रा का स्वागत किया।

समाज सेवी हरविंदर सिह मंगे ने समाज के प्रथम गुरु नानक जी के प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए कहा कि गुरु नानक देव ने जीवन भर मानवता और ईश्वर की प्रथम प्रार्थना का संदेश दिया था। गुरु नानक देव के रूप में धरती पर एक ऐसा सितारा उतरा था। जिनके सत्य, प्रेम, सद्भावना भाईचारे के सिद्धांत व संदेश आज मानव समाज के लिए मार्गदर्शक है

गुरुद्वारा के प्रधानपरमजीत सिंह भाटिया ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था इस पर्व को प्रकाश गुरु पूरब या प्रकाश पर्व के नाम से जाना जाता है गुरु नानक साहिब सिख धर्म के पहले गुरु कहलाते हैं।

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