बीते रविवार को जिला प्रशासन ने अधिकारी उस स्तंभ से हनुमान ध्वज को उतारने के लिए मंदिर के बाहर बने स्तंभ के पास पहुंचे। प्रशासन के इस कार्रवाई से गांव के लोग नाराज हो गए और इसका विरोध करने के लिए वहां पर भारी संख्या में पहुंच गए। प्रशासन ने नाराज लोगों की भीड़ की वहां से हटाने के लिए लोगों पर लाठी चार्ज किया और इसके बाद स्तंभ से हनुमान ध्वज हटाकर वहां तिरंगा फहरा दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ भाजपा और JDS समेत हिंदू संगठन के सदस्य भी मौदान में उतर गए और विरोध प्रदर्शन किया।
विपक्ष ने प्रदर्शन शुरू किया
जिला प्रशासन के इस कार्रवाई से गांव के लोग काफी नाराज हैं। कोरेगोडू गांव के लोगों ने अपनी नाराजगी जताने के लिए गांव से लेकर कलेक्टर ऑफिस तक मार्च किया। इस मार्च का नेतृत्व भाजपा के पूर्व विधायक प्रतीम गौडा ने किया। इतना ही नहीं भाजपा ने इस घटना के खिलाफ राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में भी विरोध किया। इस मामले में जिला प्रशासन का कहना है कि जिस जगह पर स्तंभ बना हुआ है, वह सरकारी जमीन है। प्रशासन ने कुछ शर्तों के साथ पंचायत को वहां पर स्तंभ बनाने के लिए NOC दिया था। इन शर्तों में अहम शर्त यह थी कि यहां पर किसी भी तरह का धार्मक या राजनौतिक झंडा नहीं फहराया जाएगा। इस स्थान पर सिर्फ तिरंगा या फिर राज्य ध्वज फहराया जा सकता है।
अधिकारियों ने आगे बताया कि, ‘इन सभी शर्तों को स्वीकार करने वाली चिट्ठी और पंचायत की अंडर टेकिंग हमारे पास है। बता दें कि 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के दिन वहां हनुमान ध्वज लहराया गया मगर किसी ने आपत्ति नहीं की। 26 जनवरी को पंचायत ने यहां तिरंगा फहराया और शाम को उतार दिया। 27 जनवरी को यहां हनुमान ध्वज देखकर कुछ लोगों को आपत्ति हुई, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।’