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हादसे को न्योता दे रहा स्कूल का जर्जर भवन, टूटी-फूटी छत के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर मासूम, विभाग ने मूंदी आंखें

बिपत सारथी@गौरेला पेंड्रा मरवाही. स्कूल खुलने के बाद जिले में शाला प्रवेश उत्सव जैसे विभिन्न कार्यक्रम बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है, और बच्चों की अच्छे शिक्षा की बात की जा रही है पर शासन प्रशासन भले ही अच्छे शिक्षा व्यवस्था की लाख दावा करे पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है,बरसात के मौसम में छत से पानी टपक रहे स्कूल में पन्नी लगाकर जान जोखिम में डालकर बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं, जर्जर स्कूल की छत के नीचे बैठ कर पढ़ रहे इन मासूम बच्चों के सिर पर खतरा मंडरा रहा है, लेकिन प्रशासन इस पर कोई सुध लेने वाला नहीं है। प्रशासन को बार-बार अवगत कराने के बाद भी स्कूल की मरम्मत का कार्य नहीं किया जा रहा है। 

दरअसल पूरा मामला गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के प्राथमिक शाला मसूरीखार स्कूल का मामला है जहाँ छत की हालत काफी जर्जर है और अब बरसात के मौसम में छत से पानी टपक रहा है जिससे बचने के लिए शिक्षक के द्वारा पन्नी तो लगा दिया गया है,फिर भी इस जर्जर स्कूल भवन की छत को लेकर सिर पर खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन को 2 साल से जर्जर स्कूल भवन की जानकारी दी जा चुकी है लेकिन अभी तक मरम्मत कार्य की शुरुआत नहीं हो पाया है।इससे यह लगता है कि कोई अनहोनी घटना की इंतजार की जा रही है। अब देखने वाली बात यह होगा कि कब तक प्रशासन जागता है और यह स्कूल की मरम्मत कर व्यवस्था बनाई जाती है …

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