राउरकेला। हॉकी विश्व कप के अपने दूसरे मैच में भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ रविवार (15 जनवरी) को उतरेगी। पूल डी के इस मुकाबले को अगर टीम इंडिया जीत लेती है तो क्वार्टर फाइनल की राह आसान हो जाएगी। वह 19 जनवरी को तीसरे मैच में अपने से कम रैंकिंग की टीम वेल्स के खिलाफ जीतकर सीधे अंतिम-8 में पहुंच जाएगी। अगर इंग्लैंड के खिलाफ हार मिलती है तो क्वार्टर फाइनल में डायरेक्ट एंट्री मुश्किल हो जाएगी।
पहले मुकाबले में स्पेन पर मिली जीत की लय को भारतीय हॉकी टीम इंग्लैंड से होने वाले मैच में भी जारी रखना चाहेगी। भारत का लक्ष्य इंग्लैंड पर विश्व कप में 29 साल बाद जीत दर्ज करने का होगा। भारत और इंग्लैंड विश्वकप इतिहास में अब तक कुल आठ बार आमने सामने हुए हैं। इनमें भारत ने तीन बार (1975, 1982 और 1994 में) जीत दर्ज की है, जबकि इंग्लैंड (2002, 2006, 2010 और 2014 में) जीता है। एक मैच 1978 में ड्रॉ रहा।
ओडिशा में चल रहे विश्वकप में भारत और इंग्लैंड दोनों ही टीमें अपने-अपने पहले मुकाबले जीत चुकी हैं। भारत ने स्पेन को 2-0 से, तो इंग्लैंड ने वेल्स को 5-0 से हराया था। ज्यादा गोल करने की वजह से इंग्लैंड ग्रुप में पहले और भारत दूसरे स्थान पर है।
भारत और इंग्लैंड के लिए रविवार को होने वाला मैच अंतिम आठ के लिए महत्वपूर्ण है। दरअसल, ग्रुप में शीर्ष पर रहने वाली टीम सीधे क्वार्टरफाइनल में पहुंचेगी, जबकि दूसरे नंबर की टीम को क्रॉसओवर खेलना होगा। हॉकी में भारत और इंग्लैंड में बराबरी की टक्कर है। विश्व रैंकिंग में भारतीय टीम छठे, तो इंग्लैंड पांचवें नंबर पर है। दोनों टीमें अंतिम बार विश्वकप में 2014 में भिड़ी थीं, जिसमें इंग्लैंड ने जीत दर्ज की। इसके बाद दोनों टीमों के बीच सात मुकाबले हो चुके हैं। इनमें से भारत और इंग्लैंड ने दो-दो मुकाबले जीते हैं, जबकि तीन ड्रॉ रहे। पिछले साल दोनों टीमों के बीच तीन मैच हुए। इनमें बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में हुआ मैच 4-4 से ड्रॉ रहा था। एफआईएच प्रो हॉकी लीग में एक मैच 3-3 से ड्रॉ रहा और एक मुकाबला भारत 4-3 से जीता।
स्पेन के खिलाफ भारतीय टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया था। हालांकि उसकी जीत का अंतर और बढ़ सकता था। भारतीय खिलाड़ी पांच पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल नहीं कर सके। वहीं, स्टार ड्रैगफ्लिकर कप्तान हरमनप्रीत सिंह पेनाल्टी स्ट्रोक पर गोल करने का मौका चूक गए थे। भारत ने शुरुआती तीन क्वार्टर में आक्रामक खेला, लेकिन अंतिम क्वार्टर में रक्षात्मक हो गई। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान भारतीय टीम ने इंग्लैंड पर 4-1 की बढ़त लेने के बावजूद मुकाबला 4-4 से ड्रॉ खेला। इसलिए अंतिम समय में गोल खाने की कमियों को दूर करना होगा। इंग्लैंड जैसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ भारतीय टीम को एक कमी मुश्किल में डाल सकती है।