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हड़ताल पर चौबे करेंगे मध्यस्थता: कर्मचारी नेताओं का जोर आंदोलन को उग्र करने पर… सीएम के साथ वार्ता पर सबकी नजर

रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले सभी कर्मचारी संगठनों के प्रांताध्यक्ष, फेडरेशन के संभागीय संयोजकों की चार घंटे चली बैठक के बाद सभी कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखने, बल्कि उग्र करने पर जोर दिया। कुछ कर्मचारी नेताओं ने राजधानी में प्रांतीय रैली या महापंचायत करने का भी पक्ष रखा। अंत में यह तय किया गया कि कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की मध्यस्थता में एक बार सीएम भूपेश बघेल के साथ चर्चा की जाए। इसके बाद कोर कमेटी अंतिम निर्णय लेगी।

सीएम भूपेश बघेल की ओर से हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने की अपील और कार्रवाई की चेतावनी के संबंध में आगे की योजना बनाने के लिए एक सितंबर को फेडरेशन ने सभी प्रांताध्यक्ष और संभागीय संयोजकों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक की ओर प्रदेशभर के लाखों कर्मचारियों की नजर थी। बैठक शंकरनगर स्थित राजपत्रित अधिकारी संघ के दफ्तर में शुरू हुई, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी कि उसे जयनारायण पांडेय स्कूल में शिफ्ट करना पड़ा।

जयनारायण पांडेय स्कूल के हॉल में पहले संभागीय संयोजकों ने अपना पक्ष रखा। एक-दो को छोड़कर सभी ने हड़ताल जारी रखने के पक्ष में अपनी बात रखी। हड़ताल जारी रखने की बात पर इतना ज्यादा उत्साह था कि जिन-जिन कर्मचारी नेताओं ने सरकार की चेतावनी से बिना डरे हड़ताल जारी रखने पर अपनी बात रखी, वहां मौजूद बाकी कर्मचारी नेताओं ने जोरदार तालियों से उनका उत्साह बढ़ाया। इसके बाद नारेबाजी भी होती रही। अलग-अलग संगठनों के प्रांतीय अध्यक्ष भी हड़ताल के पक्ष में रखे।

आखिरकार फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने मीडिया से बातचीत में यह स्वीकार किया कि राज्य सरकार की ओर से पहले बातचीत की पहल और मुख्य सचिव स्तरीय वार्ता के दौरान ब्रेक इन सर्विस का आदेश जारी होने से कर्मचारियों ने नाराजगी है। उन्होंने कहा कि बैठक में सभी अपनी मांगों के पूरा होने तक आंदोलन के समर्थन में हैं। हालांकि कृषि मंत्री चौबे के जरिए सीएम बघेल से मुलाकात होनी है, जिसमें फेडरेशन कर्मचारियों के हित की बात रखेगा। इसके बाद कोर ग्रुप कर्मचारियों के हित में निर्णय लेगा।

सिर्फ अपील पर आंदोलन खत्म करने से भड़के

इस बात की चर्चा है कि बैठक की शुरुआत में यह बात रखी गई कि सीएम की अपील के मद्देनजर हड़ताल खत्म किया जाए। इसके बाद यदि सरकार अपने वादे के मुताबिक केंद्र सरकार के समान देय तिथि से 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता नहीं देगी तो फिर से आंदोलन किया जाए। यह सुनकर कर्मचारी नेता भड़क गए। जयनारायण पांडेय स्कूल के बाहर भी कर्मचारी नेता यह चर्चा करते रहे कि सरकार की किसी भी धमकी से डरने के बजाय पूरी ताकत से आंदोलन जारी रखा जाए, क्योंकि लगातार कई और संगठन हड़ताल से जुड़ रहे हैं।

पैसे इकट्‌ठा कर रहे जिससे जरूरत पर काम आए

अलग-अलग संगठन के प्रतिनिधियों के रूप में बैठक में शामिल होने पहुंचे कर्मचारी नेताओं का कहना था कि सरकार का रवैया कर्मचारियों के पक्ष में नहीं है। ऐसा होता तो शर्त रखने के बजाय सरकार समय-सीमा बताती कि कब तक केंद्र सरकार के समान देय तिथि से भुगतान करेंगे। कर्मचारियों की ओर से एरियर की राशि कैश देने के बजाय खाते में जमा करने पर राजी हैं। इसके बावजूद सरकार हड़ताल खत्म कर बात करने दबाव डाल रही है। कर्मचारी संगठन लंबे समय तक हड़ताल जारी रखने के पक्ष में हैं। कई जिलों में पैसे जमा कराए जा रहे हैं, जिससे जरूरत के मुताबिक कर्मचारियों को दिया जा सके और कमजोर पड़ने की नौबत न आए।

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