रायपुर। गरमी और हीट वेब को देखते गरमी की छुट्टी बढ़ाने की मांग हो रही है। शिक्षक संगठनों ने इसको लेकर अपने स्तर पर बयान जारी कर हे तो सोशल मीडिया में भी इसको लेकर मैसेजिंग चल रहा है। दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार ने गरमी की छुट्टी 15 से बढ़ाकर 19 जून तक कर दिया है। छत्तीसगढ़ में 15 जून तक गरमी की छुट्टी है। 16 जून से स्कूल खुल जाएंगे। हालांकि, प्रायवेट स्कूल एक दिन पहले 15 जून से प्रारंभ हो रहे हैं।
16 जून से स्कूल खोलने पर संशय को लेकर प्रदेश के सबसे तेज और विश्वसनीय न्यूज वेबसाइट npg.news ने आज स्कूल शिक्षा सचिव डॉ0 एस. भारतीदासन ने बात की। गरमी की छुट्टी आगे बढ़ाने के सवाल पर स्कूल शिक्षा सचिव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में छुट्टी बढ़ाने की जरूरत महसूस नहीं हो रही है। स्कूल विलंब से खुलने पर सत्र प्रभावित होता है। गुणवत्ता को अगर ध्यान में रखना है तो स्कूल को लंबे समय तक बंद नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा कि 16 जून को शाला उत्सव मनाने की तैयारी की जा रही है। यूनिफार्म, किताबें और सायकिल स्कूलों को सप्लाई कर दी गई है। कोशिश है कि स्कूल खुलने के बाद पहले हफ्ते में ही इन तीनों चीजों का वितरण कंप्लीट हो जाए।
छ्ग शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आज तक कभी भी कर्मचारियों को DA जैसी नियमित दिए जाने वाले भत्ते के लिए मांग या आंदोलन करने की आवश्यकता नही पड़ी। किंतु पिछले साढ़े चार साल से प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के बराबर DA और HRA जैसे अधिकारों से कर्मचारियों को वंचित होना पड़ा है। जिससे प्रदेश का कर्मचारी परिवार बड़े आर्थिक नुकसान को झेल रहा है। अभी छ्ग के कर्मचारियों को केंद्र से 9% पीछे DA दिया जा रहा है, अभी केंद्र सरकार 4% और DA बढाने की तैयारी में है यदि इसकी घोषणा भी हो गई तो राज्य के कर्मचारी केंद्र से 13% पीछे हो जाएंगे जो कि अत्यंत निराशाजनक हैं।
शालेय शिक्षक संघ ने केंद्र के बराबर देय तिथि से DA और HRA तथा उसके एरियर्स की मांग की है।
शीघ्र प्रदाय न करने की स्थिति में सन्गठन द्वारा आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है।
प्रदेश महासचिव धर्मेश शर्मा और प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रदेश में भीषण गर्मी और हीट वेव के बीच स्कूल खुलने का फरमान अव्यवहारिक है। सुबह 8 बजे के बाद घर से निकलना जहां वयस्को के लिए पीड़ादायक होता है वहाँ 16 जून से 10 से 4 स्कूल लगाकर बच्चों को स्कूल बुलाना उनके बच्चों के स्वास्थ से खेलना है। प्रदेश के हजारों स्कूल सुविधाविहीन है।बिजली,पानी,पंखे,कूलर जैसी आवश्यकताओं से वंचित है ऐसे में 16 जून से स्कूल खोलना अव्यवहारिक है। अतः 1 जुलाई से ही स्कूल खोलना ज्यादा उचित होगा,तब तक प्रदेश में मानसून आ चुका होगा और पानी गिरने से प्रदेश का तापमान भी गिर चुका होगा।