NPG ब्यूरो @ जयपुर. राज्य में चुनावी साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा चुनावी दांव खेला है. बजट प्रस्तुत करते हुए गहलोत ने एक दो नहीं, बल्कि एक साथ 19 नए जिले बनाने का ऐलान कर दिया. साथ ही, तीन नए संभाग बनाए जाएंगे. इसे बड़ा चुनावी दांव इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलने का ट्रेंड है. गहलोत की इस घोषणा को ट्रेंड बदलने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. नए जिलों व संभाग के लिए बाकायदा 2000 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है.
अपने बजट भाषण में सीएम अशोक गहलोत ने कहा, भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के कारण राजस्थान में कई जिले ऐसे हैं, जहां जिला मुख्यालय से इलाकों की दूरी 100 किलोमीटर से भी ज्यादा है. इससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. कई जिलों की जनसंख्या भी अत्यधिक होने के कारण प्रशासन का हर परिवार तक पहुंचना कठिन हो जाता है.
सीएम ने कहा, जिला अपेक्षाकृत छोटा होने से प्रशासन प्रबंधन और कानून-व्यवस्था पर निगरानी-नियंत्रण सहज और सुगम हो जाता है. देश के विभिन्न राज्य नए जिले बनाने में हमसे आगे रहे हैं. वहां पर जिलों की संख्या दोगुनी-तीन गुनी हो गई है. अभी हाल ही में भौगोलिक दृष्टि से हमसे छोटे राज्य पश्चिम बंगाल ने भी सात नए जिलों की घोषणा की है.
अब हो जाएंगे 50 जिले
राजस्थान में अब जिलों की संख्या बढ़कर 50 हो जाएगी. अब तक 31 जिले थे. तीन नए संभाग मिलाकर अब 10 संभाग होंगे. जो नए 19 जिले बनेंगे उनमें अनूपगढ़ (श्रीगंगानगर), बालोतरा (बाड़मेर), ब्यावर (अजमेर), डीग (भरतपुर), डीडवाना-कुचामनसिटी (नागौर), दूदू (जयपुर), गंगापुर सिटी (सवाई माधोपुर), जयपुर-उत्तर, जयपुर-दक्षिण, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, केकड़ी (अजमेर), कोटपूतली-बहरोड़ (जयपुर), खैरथल (अलवर) नीम का थाना (सीकर), फलोदी (जोधपुर), सलूंबर (उदयपुर), सांचोर (जालोर) और शाहपुरा (भीलवाड़ा) शामिल हैं. वहीं, सीकर, पाली और बांसवाड़ा नए संभाग होंगे.