रायपुर | natonalert.in
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में वर्ष 2021-22 में एक भी पीएम आवास स्वीकृत नहीं हुआ। इस अवधि में वंचित हुए हितग्राहियों के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं इसका जवाब भी सरकार नहीं दे सकी है। विधानसभा (chhattisgarh vidhansabha) में चल रहे बजट सत्र (budget session) में सोमवार को इसे लेकर हंगामा हुआ जिसके बाद विपक्ष ने वाकआऊट कर दिया।
सत्र के 11वें दिन पुन्नू लाल मोहिले ने पीएम आवास योजना का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि सर्वे सूची 2011 के अनुसार प्रदेश में पीएम आवास योजना में छूट गए लोगों को क्या फिर से सूची में शामिल किए जाने के लिए कार्रवाई करेंगे क्या?
इस प्रश्न का जवाब देते हुए मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि सरकार ने सर्वे कराने का निर्णय लिया है। अप्रैल 2023 में उन सभी पात्र लोगों को शामिल किया जाएगा जो लोग छूट गए हैं। मंत्री ने कहा कि हर बार विपक्ष अलग अलग आंकड़े बताते हैं 16 लाख मकान बाकी नहीं, कुल 16 लाख बनने थे।
मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1 लाख 51 हजार 100 आवास स्वीकृत है। 2020-21 में 1 लाख 57 हजार 815 आवास स्वीकृत है। 2021 -22 में एक भी नहीं स्वीकृत नहीं हुआ है। 2022-23 में 79 हजार पीएम आवास स्वीकृत है। 4 सालों में कुल 3 लाख 87 हजार 915 आवास स्वीकृत, जिसके लिए कुल 676.45 करोड़ राज्यांश की राशि दी गई। विपक्ष ने 2021-22 में छूटे आवास के हितग्राहियों के लिए क्या प्रावधान किए है। इस बात को लेकर खूब हंगामा किया, मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉक आउट किया।