रायपुर। बजट पर चर्चा करने रायपुर पहुंचे केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भाजपा के प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में उन्होंने पत्रकारों के साथ बातचीत की। इस दौरान उनका जोर बजट के भावनात्मक पक्ष पर ही रहा। कहा, 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बने, बजट को इसी सिलसिले में देखा जाना चाहिए।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री मेघवाल ने कहा, यह अमृतकाल का पहला बजट है। अमृत काल उसको नाम दिया है जो आजादी के 75वें से 100 वर्ष का समय है। 15 अगस्त 2022 से जो समय शुरू हुआ है वह अमृत कालखंड है। कल्पना है कि इस अमृतकाल में भारत विकसित राष्ट्र बने। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी विकसित बने, इकोनॉमी के क्षेत्र में भी विकसित बने, परोपकार की भावना के क्षेत्र में भी विकसित बने, डेमोक्रेटिक मूल्यों में भी विकसित बने और वह संसार का नेतृत्व करे। इस सिलसिले में इस बजट को हमें देखना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, एग्रीकल्चर सेक्टर में एग्रीकल्चर, फीशरीज, एनिमल हसबेंडरी सभी आ जाते हैं। उसमें 20 लाख करोड़ का प्रावधान है। यह अपने आप में एक माइल स्टोन है। छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज बड़ी संख्या में है। इनमें कुछ ऐसी जातियां थीं जिन्हें विशेष दर्जा मिला हुआ है। आकाश उनकी छत हुआ करती थी। पानी कहां से पीता था पता नहीं, रहता कहां था पता नहीं। ऐसे लोगों के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान है। पांडिचेरी में मैंने देखा था। वहां कुछ ऐसे लोग, ऐसे वर्ग रहते हैं जिनको मकान भी नहीं। पानी भी नहीं, एजुकेशन भी नहीं। सुरक्षा भी नहीं। सुबह कचरा बीनने के लिए निकलते हैं। रात को कभी यहां सो गये, कभी वहां सो गये।
अर्जुनराम मेघवाल ने कहा, आपने देखा होगा जेलों में जो कैदी हैं उनमें से कुछ लंबे समय से जेलों में ही हैं। वे चाहते हैं कि वे बाहर आए लेकिन उनकी पैरवी कौन करे। पैरवी के लिए वकील को खर्चा कौन दे। जेलों में ऐसे कैदी जिनके आगे-पीछे कोई नहीं उनकी पैरवी का बजट भी इसमें रखा है। यह आने वाले समय का माइलस्टोन है। पूरे बजट में कोई वर्ग छूटा नहीं है।
मनरेगा बजट कटौती पर आलोचना का जवाब भी दिया
भाजपा नेता ने कहा, कुछ लोगों ने आलोचना की कि मनरेगा का बजट कम कर दिया। उनको पता नहीं है कि बजट इज ए टेक्निकल सबजेक्ट। आपको पहले देना पड़ेगा कि 2022-23 में मनरेगा का बजट एस्टीमेट क्या था। वह कम था। एक्चुअल एक्सपेंडिचर आया तो सप्लिमेंट्री में ले जाकर 14 हजार करोड़ दिया। अब हम बजट एस्टीमेट पिछले साल से ज्यादा रख रहे हैं। अगर मनरेगा में डिमांड आएगी तो हम सप्लिमेंट्री में बढ़ा लेंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना में 66% बजट बढ़ाया है। गांव में मकान बनेंगे तो रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। कुछ लोग केवल आलोचना के लिए आलोचना करते हैं।