अनिल गुप्ता@दुर्ग। दुर्ग पुलिस द्वारा शनिवार को 21 किलो 7 सौ ग्राम सोना पकड़ा गया और उसके बाद दस्तावेजों की छानबीन की गई। 7 पैकेटों में भरकर इस सोने को कोरियर के माध्यम से दुर्ग बस स्टैंड से अन्य राज्यो में ले जाया जा रहा है। 13 करोड़ रुपए के सोने के दस्तावेज सही पाए जाने पर पुलिस द्वारा उसे छोड़ दिया गया। जिसके कारण पुलिस की इस कार्यवाही को लेकर शहर में दिनभर चर्चा बनी रही।
जानकारी के मुताबिक दुर्ग बस स्टैंड से आज दोपहर एक कुरियर सर्विस के माध्यम से कीमती सामान अन्य राज्य ले जाए जाने की जानकारी जब दुर्ग कोतवाली पुलिस को प्राप्त हुई। तब थाने की टीम मौके पर पहुंची। और 7 नग पार्सल को फौरन जप्त कर लिया। सभी पार्सल को लेकर थाने पुलिस जब थाने पहुंची। तब इस बात की जानकारी हुई कि इन पार्सल में 13 करोड़ रुपए का 21 किलो सोना सराफा व्यवसायियों के द्वारा भेजा जा रहा था। पुलिस ने इसके बाद सराफा व्यवसायियों को बुलाकर पूछताछ किया। तब उनके द्वारा बिल और अन्य दस्तावेज शो किया गया। जिसके बाद पुलिस ने सोने का तौल कराया और उसके बाद जप्त किए गए सोने को व्यवसायियों के हवाले कर दिया गया। पुलिस द्वारा की गई इस कार्यवाही को लेकर शहर में दिन भर चर्चा चलती रही। इधर इस मामले को लेकर जब जिले के पुलिस कप्तान अभिषेक पल्लव से बातचीत की गई। तो उनका कहना था, जप्त किए गए पैकेट में सोने के बिस्किट और ईट पाए गए। जिसका जप्त, पंचनामा, और मौके पर नापतौल किया गया। सराफा व्यवासियो द्वारा दिए गए,बिल और दस्तावेज जब सही पाए गए। तब सोने का सुपुर्दनामा बनाकर उन्हें सोने वापस कर दिए गए है।
एक्साइज विभाग कर सकता है कार्यवाही
दुर्ग एसपी ने यह भी बताया है,जहा तक कार्यवाही को लेकर जो प्रश्न उठाया जा रहा है, इसमें चाहे तो संबंधित विभाग यानी की एक्साइज विभाग भी अपनी कार्यवाही कर सकता है। पुलिस कप्तान का यह भी कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में कीमती सोने को बस से भेजने से कोई अप्रिय स्तिथि भी बन सकती थी। इसलिए बस मालिक और सराफा व्यवसायियों को भी समझाईस दी गई है। वहीं कुरियर संचालक सोने की डीलवरी का लाइसेंस बना रखा है ।
जप्त किए गए पार्सल में कुरियर का कंसाइनमेंट नंबर नहीं: वकील
नियमों के अनुसार कोरियर सेवा में ,कीमती वस्तुएं, गोल्ड और हथियार की डिलीवरी प्रतिबंधित है। लेकिन इसके बाद भी रायपुर के बुढ़ापारा तालाब के श्रीदक्षि कुरियर सर्विस के माध्यम से इस तरह से कीमती सोने की ट्रांसपोर्टिंग की जा रही थी। जिसको लेकर दुर्ग न्यायलय के अधिवक्ता और मामले के जानकार ओम प्रकाश जोशी का कहना है, की जप्त किए गए पार्सल में कुरियर का कंसाइनमेंट नंबर नहीं है। इसके आलावा जब करोड़ों रुपए का सोना पुलिस द्वारा जप्त किया गया था तो एक्साइज विभाग को बकायदा इसकी सूचना देनी थी। जप्त किए गए सोने का सीजर मेमो बनाया जाना चाहिए था, जो कि नहीं बनाया गया और इन सब विषयों को देखकर साफतौर पर समझा जा है, की कही न कही बड़ी गड़बड़ी जरूर हुई है।
एक्साइज विभाग को भी इनवाल्व करना था
दुर्ग कोतवाली पुलिस ने जिस तरह से 13 करोड़ रुपए के सोने की बिस्किट और ईट को परिवहन करते हुऐ जप्त किया था। तो इस मामले में एक्साइज विभाग को भी इनवाल्व करना था, लेकिन कोतवाली पुलिस ने सराफा व्यवसायियों द्वारा प्रस्तुत किए गए बिल और दस्तावेज की जांच की।और उसके बाद छोड़ दिए जाने के कारण इस कार्यवाही पर मिलीभगत की चर्चा दिन भर चलती रही।