नई दिल्ली। भारत की सात राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों की 2021-22 में हुई कुल आय का 66 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा चुनावी बांड और अन्य अज्ञात स्रोतों से आया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्मस ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। चुनाव सुधार की दिशा में काम करने वाले एनजीओ ने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि सात राजनीतिक दलों भाजपा , कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और नेशनल पीपुल्स पार्टी ने 2021-22 में अज्ञात स्रोतों से 2,172 करोड़ रुपए प्राप्त किए।
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, अज्ञात स्रोतों से प्राप्त आय इन राजनीतिक पार्टियों के कुल आय का 66.04 प्रतिशत है। उसके अनुसार, अज्ञात स्रोतों से प्राप्त आय में से 1,811.94 करोड़ रुपए चुनावी बांड के माध्यम से प्राप्त हुई है।
उसमें कहा गया है कि इन राजनीतिक पार्टियों ने वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में अज्ञात स्रोतों से प्राप्त आय को दिखाया है, लेकिन उसमें आय की स्रोत का कोई जिक्र नहीं है। वर्तमान कानून के अनुसार, 20,000 रुपए से कम या चुनावी बांड के माध्यम से राजनीतिक दलों को दान देने वाले व्यक्ति या संस्था का नाम सार्वजनिक करने के लिए राजनीतिक दल बाध्य नहीं हैं।
एडीआर के अनुसार, ऐसे अज्ञात स्रोतों में चुनावी बांड के माध्यम से चंदा, कूपनों की बिक्री, राहत कोष, फुटकर आय, स्वैच्छिक चंदा और बैठकों तथा मोर्चों से होने वाली आय शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में भाजपा ने अज्ञात स्रोतों से 1,161 करोड़ रुपए की आय बताई है जो राष्ट्रीय दलों को अज्ञात स्रोतों से हुई कुल आय का 53.45 प्रतिशत है।
एडीआर ने बताया कि भाजपा को प्राप्त आय अन्य छह राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित अज्ञात स्रोतों से कुल आय 1,011.18 करोड़ रुपए से 149.86 करोड़ रुपए ज्यादा है। तृणमूल कांग्रेस ने बताया है कि अज्ञात स्रोतों से उसे 528 करोड़ रुपए की आय हुई है जो राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को अज्ञात स्रोतों से हुई कुल आय का 24.31 प्रतिशत है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2004-05 और 2021-22 के बीच राष्ट्रीय दलों को अज्ञात स्रोतों से कुल 17,249.45 करोड़ रुपए की आय हुई है। एडीआर के अनुसार, 2004-05 और 2021-22 कांग्रेस और राकांपा की कूपनों की बिक्री से हुई कुल आय 4,398.51 करोड़ रुपए है।
एनजीओ ने कहा, यह रेखांकित किया जाता है कि ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस को प्राप्त कुल चंदे की राशि 38 लाख रुपए है, लेकिन पार्टी ने चंदा के लेखा-जोखा में 43 लाख रुपए (20 हजार से ज्यादा का चंदा) दिखाया है। इसलिए पार्टी की वित्त वर्ष 2021-22 के बहीखाते में मिलान नहीं हो पाया है।
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