बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन की समय से पहले जेल से रिहाई को पूर्व आइएएस अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर आठ मई को सुनवाई होगी। उमा का कहना है कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है। उन्हें न्याय जरूर मिलेगा।
उमा देवी ने याचिका पर सुनवाई को लेकर कहा, “यह एक बहुत अच्छा संकेत है। मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है। वह इस मामले के साथ न्याय करेगी।”
बिहार की जेल नियमावली में संशोधन के बाद आनंद मोहन को 27 अप्रैल को सहरसा जेल से रिहा किया गया। गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी. कृष्णैया की 1994 में हुई हत्या के मामले में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। जिलाधिकारी की पत्नी उमा ने उसकी रिहाई को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिस पर अब आठ मई को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पार्डीवाला की पीठ सुनवाई करेगी।
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