भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई ने शिकंजा कसा है। इस शिकंजे में तीन भिलाइयंस लपेटे में आ गए हैं। जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि गंभीर मामलों में अनियमितता बरती गई है। पिछले दिनों सीबीआई की छापे के बाद हड़कंप मच गया था। सीबीआई ने दो दिन पहले भिलाई में एचसीएल के दो पूर्व सीएमडी, एक जीएम समेत पांच अलग-अलग के यहां छापा मारा था।
सीबीआई ने एचसीएल के तत्कालीन सीएमडी कैलाश धर दीवान और पूर्व कार्यकारी निदेशक (सामग्री और अनुबंध) दिलीप कुमार महाजन, महाप्रबंधक (परियोजना) विनय कुमार सिंह, तत्कालीन निदेशक (संचालन) और पूर्व सीएमडी संतोष शर्मा और तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक ( इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग) विवेक गुप्ता सहित अज्ञात लोगों के खिलाफ साजिश व धोखाधड़ी के साथ-साथ आपराधिक कदाचारसे जुड़े भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया है।
इसके बाद अब सीबीआई 2013 से तत्कालीन सीएमडी संतोष शर्मा के कार्यकाल के दौरान 2019 मलंजखंड (मध्य प्रदेश) और खेतड़ी (राजस्थान) में पीएसयू द्वारा जारी किए गए विभिन्न अनुबंधों के संबंध में हुई कथित अनियमितताओं और कदाचार के बारे में जांच करेगी।
जानकारी के मुताबिक सीबीआई को कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिससे यह पता चलता है कि एचसीएल के तत्कालीन सीएमडी कैलाश धर दीवान ने तत्कालीन निदेशक (आपरेशन) संतोष शर्मा, तत्कालीन एजीएम विवेक गुप्ता के साथ मिलकर साजिश की। इसके बाद उन्होंने अपने पद और अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए एसटीपीएल चेन्नई को खेतड़ी कापर काम्प्लेक्स के पायलट प्लांट में टेलिंग्स से धातु निकालने के लिए गलत तरीके से टेंडर दे दिया। जांच में यह भी पता चला कि सोने, चांदी और सिलिका जैसी धातुओं की वांछित मात्रा नहीं मिलने से पायलट प्लांट बंद करना पड़ा।
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