जयपुर। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत में शनिवार को जोधपुर में केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह के दिए बयान को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि जोधपुर में श्री शाह ने जो बयान दिए वह तथ्यात्मक रुप से गलत हैं । देश की जनता भी गृहमंत्री के तौर पर उनके भाषण में तथ्यात्मक बातें होनी की उम्मीद करती है क्योंकि उन्हें जो उनको सरकारी अधिकारी इंटेलिजेंस और भाजपा नेताओं तथा कार्यकर्ता द्वारा उपलब्ध करवाएं जाए वह सत्य होने चाहिए। लेकिन इस भाषण में ऐसा लगता है कि उन्हें तथ्य बताए ही नहीं गए इसी कारण उन्होंने झूठ से परिपूर्ण भाषण दिया।
अमित शाह गृह मंत्री के साथ देश के सहकारिता मंत्री भी हैं। जयपुर में उत्तरी राज्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उन्होंने कहा था कि राजस्थान और गुजरात के लोग सहकारिता के नाम पर हुए घोटालों के सबसे अधिक पीड़ित हैं। पश्चिमी राजस्थान के लोगों को आशा थी कि वह सहकारिता के नाम पर वहां के लोगों के साथ हुए संजीवनी आदर्श इत्यादि घोटालों पर बात करेंगे और पीड़ितों को राहत दिलवाने का काम करेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
शनिवार को पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के किसानों को आशा थी कि गृह मंत्री राजस्थान आए हैं तो प्रधानमंत्री द्वारा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के लिए किए गए वादे को पूरा करने की बात कहेंगे।मगर आश्चर्य की बात है कि अमित शाह ने इसे लेकर एक शब्द भी अपने मुंह से नहीं निकाला। अमित शाह ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने तीन लाख तक निशुल्क इलाज की व्यवस्था की। शायद उनकी जानकारी में नहीं है क्या योजना सिर्फ राष्ट्रीय खाद्यान्न योजना के पात्र परिवारों तक ही सीमित थी। हमारी सरकार ने चिरंजीवी योजना शुरू की जिसमें राजस्थान के हर परिवार को दस लाख रुपए तक का कैशलेस बीमा और पचास हजार का दुर्घटना बीमा मिला है जो पूरे देश में किसी राज्य में नहीं है।
यह बेहद आश्चर्य की बात है कि आज जोधपुर में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने जो बयान दिए हैं वो तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। pic.twitter.com/TAtYB4ODQE
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 10, 2022
अमित शाह ने कहा कि पिछली सरकार ने किसानों को एक हजार सब्सिडी दी। पूर्ववर्ती सरकार में आचार संहिता लगने के 1 दिन पहले घोषणा की थी कि किसानों को 833 प्रति महीने की सब्सिडी दी जाएगी इसका कोई वित्तीय प्रावधान नहीं था और यह केवल हवाई घोषणा थी। हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना शुरू कर किसानों को ₹1000 प्रति वर्ष सब्सिडी दी जिसमें करीब 8 लाख किसानों का बिजली बिल शून्य हो गया है।
अमित शाह ने कहा कि वसुंधरा जी की सरकार ने 50 हजार तक की कर्ज माफी की। 2018 के चुनावी साल में बीजेपी सरकार में सहकारी बैंकों से किसानों के 50000 तक के कर्ज माफ करने की की जिसके लिए 8000 करोड़ की जरूरत थी लेकिन बीजेपी सरकार सिर्फ दो हजार करोड़ का प्रावधान किया था। इस घोषणा के बाकी छह हजार करोड़ हमारी सरकार ने चुकाई। हमारी पार्टी ने किसान कर्ज माफी का वादा सरकार में आने के तीसरे दिन ही पूरा कर सहकारी बैंकों से करीब 21लाख़ किसानों की 8000 करोड रुपए की कर्ज माफी की। हमारी सरकार ने कोई सीमा नहीं रखी और हर एक किसान की जानकारी जन सूचना पोर्टल पर अपलोड की है। राष्ट्रीयकृत बैंकों ने कर्ज माफी करने के लिए केंद्र सरकार को कई दफा वन टाइम सेटेलमेंट के लिए पत्र लिखें परंतु वहां से कोई जवाब नहीं आया। मोदी सरकार बड़े पूंजीपतियों के कर्ज माफ करने में व्यस्त रहती है इसलिए किसानों की ओर ध्यान नहीं गया होगा। यूपीए सरकार ने 2008 में 72 हजार करोड रुपए की किसान कर्ज माफी की थी लेकिन मोदी सरकार ने अभी तक किसानों की कर्ज माफी नहीं की ।
The post किसानो की कर्जमाफ़ी,घोटाले व नौकरियों पर दिए गृह मंत्री शाह के बयानो को CM गहलोत ने बताया गलत appeared first on CGWALL-Chhattisgarh News.