नेशन अलर्ट/राजनांदगांव.
सोना तस्करी के मामले में फंसे विक्की बैद का प्रकरण कई चौंकाने वाले राज खोल रहा है। छत्तीसगढ़ का बड़ा सोना तस्कर अमूमन हवाला के जरिए रूपए ट्रांसफर करता है। माना जा रहा है कि सोना तस्करी और हवाला नेटवर्क आपस में जुड़े हुए हैं।
सोना तस्करी के मामले में विक्की बैद का नाम तब चर्चा में आया जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग (आईटी) की टीम ने एक साथ छत्तीसगढ़ व झारखंड में हाल फिलहाल छापेमारी की थी। इस छापेमारी के बाद यह तय हो गया कि विक्की बैद सोना तस्करी के मामले में बहुत ऊंचे खेल खेलता है क्यूंकि इसके पहले भी गत वर्ष वह सोना तस्करी को लेकर केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग (सीबीआईसी) की पकड़ में आया था। तब उसके पास से 32 लाख नगद सहित साढ़े 17 किलो सोना और 5 टन चांदी का हिसाब नहीं मिल पाया था।
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कैसे होती है तस्करी, कैसे होता है चुकारा
सोने के व्यवसाय से जुड़े जानकार बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में तस्करी कर सोना कोलकाता की ओर से आता है। कोलकाता तक यह सोना म्यांमार और बांग्लादेश बॉर्डर से होते हुए पहुंचता है। कोलकाता पहुंचने वाले सोने की शुद्धता 99.99 प्रतिशत होती है। इसमें बाद में चांदी मिलाकर इसे 99.50 किया जाता है। एक किलो सोने में 5 ग्राम चांदी मिलाई जाती है।
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विक्की बैद और उसके जैसे सोना तस्कर बिना कस्टम ड्यूटी चुकाए लाए गए सोने को भारत के विभिन्न शहरों तक पहुंचाने का काम करते हैं। रायपुर से लेकर राजकोट तक की मंडियों में अपने निजी कोरियर के माध्यम से यह सोना पहुंचाया जाता है। जानकार बताते हैं कि सोना लेकर निकले कोरियर वाले को माल राजकोट में पहुंचाने के बाद 35 हजार रूपए मिलते हैं.
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राजनांदगांव का विक्की बैद छत्तीसगढ़ का बड़ा तस्कर माना जाता है। ऐसा केंद्र की वह एजेंसियां मानती है जो कि विक्की बैद के पीछे लगी हुई है। यदि एक किलो सोना तस्कर के माध्यम से बुलवाया जाता है तो उसके पीछे तकरीबन पांच हजार रूपए खर्च करने पड़ते हैं। एजेंसियां यह मान कर चल रही हैं कि निजी कोरियर बॉय एक ट्रिप में 2-5 किलो सोना लेकर उतरता है।
जानकार यह भी बताते हैं कि यदि आदमी पूरी तरह स्वस्थ है तो वह 15-20 किलो सोना तस्करी कर एक बार में ला सकता है। पिछले साल रायपुर रेल्वे स्टेशन में पकड़ में आया तस्कर 13 किलो सोने के साथ धरा गया था। एक किलो के पीछे पांच हजार और 13 किलो के पीछे पांच हजार के हिसाब से महज 65 हजार में यह सोना तस्करी कर रायपुर लाया जा रहा था।
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अब इसका चुकारा कैसे किया जाता है यह भी गौर करने वाली बात है। जानकार बताते हैं कि प्रति लाख रूपये स्थानांतरण के पीछे कई मर्तबा सौ रूपए तो कई मर्तबा दो सौ रूपए हवाला नेटवर्क को देने पड़ते हैं। यदि मामला सोना तस्करी से जुड़ा हुआ हो तो यह राशि बढ़कर सीधे पांच सौ रूपए तक पहुंच जाती है। यानि कि लाख रूपए के पीछे पांच सौ रूपए कमीशन लेकर हवाला कारोबारी रायपुर में बैठे बैठे आपकी रकम को कोलकाता स्थानांतरित कर सकता है। मतलब साफ है कि सोना तस्करी और हवाला नेटवर्क आपस में जुड़े हुए हैं।