अनिल गुप्ता@दुर्ग. भिलाई में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे काबिज महालक्ष्मी क्रेन कंपनी सहित चार अन्य कंपनी को पिछले महीने सील कर दिया गया था, लेकिन सील के बाद फिर से ताला तोड़ दिया गया। जिसको लेकर आज शाम बीएसपी के प्रवर्तन विभाग के अधिकारी और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुँचे। और कब्जाधारियों को ताला तोड़ने को लेकर फटकार लगाई। लेकिन कब्जाधारियों का कहना है, कि सील ताला किसी ओर के द्वारा तोड़ा गया है। जिसके संबध में उनके द्वारा भी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।
एक महीने पहले सील किया गया ताला टूटा पड़ा मिला
बीएसपी इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट के प्रमुख केके यादव को जैसे ही इस बात की सूचना प्राप्त हुई। वे अधिकारियों के साथ नेशनल हाइवे पर स्थित महालक्ष्मी ट्रेडर्स पहुँचे। जहाँ वाकई में एक महीने पहले सील किया गया ताला टूटा पड़ा मिला। जिसके सबंध में उन्होंने ख़ुर्शीपार थाना में इसकी शिकायत दर्ज कराई है। महालक्ष्मी ट्रेडर्स व चंद्रा हैवी लिफ्टर्स की सील तोड़े जाने की शिकायत पर इधर पुलिस ने भी अब जांच शुरू कर दिया है। बीएसपी के प्रवर्तन विभाग के प्रमुख केके यादव का कहना है, कि संपदा न्यायालय द्वारा पारित डिक्री के आधार पर कार्यपालक मजिस्ट्रेट और पुलिस के अधिकारियों के समक्ष महालक्ष्मी ट्रेडर्स सह संचालक चंद्रा हैवी लिफ्टर सहित अन्य चार स्क्रेप डीलर द्वारा काबिज की गई जमीन को 1 महीने पहले सील किया गया था। लेकिन कल शाम को महालक्ष्मी ट्रेडर्स और सह संचालक चंद्रा हैवी लिफ्टर के सील किये ताले को बकायदा तोड़ा गया है। जिसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई गई है।
वही महालक्ष्मी ट्रेडर्स के हरीश साधवानी का कहना है, की सील किया गया ताला उनके द्वारा नहीं तोड़ा गया है। बल्कि उन्होंने खुद ही थाने में शिकायत दर्ज कराई है। हाईकोर्ट से उन्हें स्टे ऑर्डर जरूर मिला है। लेकिन वे भी न्यायालय के आदेश के इंतजार में है।
संपदा न्यायालय के आदेश पर बीएसपी ने की बड़ी कार्रवाई
पिछले दिनों संपदा न्यायालय के आदेश पर बीएसपी ने बड़ी कार्रवाई की थी। बीएसपी के इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट की टीम ने बंसल ब्रदर्स, बंसल कॉमर्शियल कंपनी, दुर्गा धर्मकांटा करुणा बंसल, लक्ष्मीचंद अग्रवाल का अग्रवाल इंटरप्राइजेस सील किया गया था। बीएसपी का इन कंपनियों पर 72 करोड़ रुपए बकाया था। यही नहीं लक्ष्मी अग्रवाल ने कब्जे की जमीन पर आवास भी बना लिया था जिसे दूसरे दिन बीएसपी की टीम ने सील किया था। वही कब्जाधारियों को उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश भी मिल चुका है। लेकिन उसके बाद अब सील किया ताला टूटने के कारण यह पूरा प्रकरण एक बार फिर से सुर्खियों में है।