बिलासपुर—पुलिस कर्मचारी भविष्य निधि घोटाला के आरोप में मास्टर माइंड आरक्षक संजय श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर जेल दाखिल कराया गया है। जांच पड़ताल के बाद दोषी पायी एक अन्य महिला अधिकारी मधुशीला फरार है। फरार महिला सहायक उप निरीक्षक मधुशीला फण्ड शाखा प्रभारी रहने के दौरान कर्मचारियों की भविष्य निधी में आरक्षक संजय श्रीवास्तव के साथ जमकर घोटाला किया। जांच पड़ताल में पुष्टि होने के बाद दोनों के खिलाफ पुलिस कप्तान ने गिरफ्तारी का आदेश दिया था।
महिला अधिकारी फरार..पुलिस को तलाश
पुलिस कप्तान पारूल माथुर के आदेश और निर्देश के बाद जांच पड़ताल में भविष्य निधि में घोटाला की पुष्टि होने पर विभाग के दो कर्मचारियों को गिरफ्तारी का आदेश दिया है। मामले में आरक्षक संजय श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर जेल दाखिल कराया गया। जबकि आरोपी महिला अधिकारी फरार है। पुलिस मधुशीला की गंभीरता के साथ तलाश कर रही है।
जानकारी देते चलें कि कुछ महीने पहले ही सीजी वाल ने पुलिस विभाग में जीपीएफ घोटाला को लेकर खबर प्रकाशित किया था। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कप्तान ने जांच का आदेश दिया। बताते चलें कि पुलिस कप्तान कार्यालय के फण्ड शाखा प्रभारी सहायक उप निरीक्षक मधुशीला सुरजाल अपने पदस्थापना के दौरान विभागीय भविष्य निधि के खाता धारको के खाते से अधिक राशि का आहरण किया। यह जानते हुए भी कि जितनी राशि भविष्य निधि शाखा से आहरित कर रही हैं..कर्मचारी ने उतनी राशि की मांग नहीं किया है।
दर्ज राशि से अधिक आहरण
पुलिस विभाग के जीपीएफ फण्ड शाखा में रहते हुए शाखा प्रभारी मधुशीला ने इस दौरान वित्तीय अनियमितता कर शासन को लाखों रूपयों की आर्थिक क्षति पहुंचाया। सीजी वाल ने अपने खबर में प्रकाशित किया था कि जीपीएफ घोटाला में प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव की भूमिका सबसे अहम है। आवेदन करते समय संजय श्रीवास्तव को अच्छी तरह मालूम था कि उसके जीपीएफ खाते में पर्याप्त राशि नहीं है। बावजूद इसके आरोपी ने लाखों रूपयों का ना केवल आहरण किया। बल्कि मधुशिला ने नोटशीट में दर्ज राशि से अधिक राशि फण्ड से आहरण किया। मधुशीला ने नोटशीट में दर्ज 12 लाख की जगह 15,75,000 रूपये बैंक से निकाला।
60 लाख का घोटाला
इसी तरह न्य कर्मचारियों की भविष्य निधि के खाते से मधुशीला और संजय श्रीवास्तव ने मिली भगत कर खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने के बावजूद फर्जीवाड़ा कर आहरण किया। इतना ही नहीं दोनो ने मिलकर नोट सीट में दर्ज राशि से अधिक का आहरण किया। दोनों ने मिलकर फर्जीवाड़ा करते हुए करीब 60 रूपयेंं निकालकर शासन को पलीता लगाया।
अनियमितता के संज्ञान में आने के बाद सहायक उप निरीक्षकक मंधुशीला सुरजाल ने फर्जीवा़ड़ा कर निकाली गयी राशि को भारतीय स्टेट बैंक कलेक्ट्रेट शाखा बिलासपुर में जमा करना बताया। जांच पड़ताल के दौरान पाया गया कि मधुशीला ने भारतीय स्टेट बैंक की फर्जी सील बनाकर चालान जमा होनो दर्ज किया है। जबकि उन्होंने राशि जमा नही नहीं किया है।
पुलिस कप्तान को दिए गए जांच रिपोर्ट में जांच अधिकारी डीएसपी राजेश श्रीवास्तव ने बताया है कि फण्ड शाखा के रजिस्टर में आहरण संधारित नही किया गया है। नोट शीट में स्वीकृत राशि के अंक का लेखन और हस्ताक्षर भिन्न भिन्न पाया गया है l जांच रिपोर्ट में सहायक उपनिरीक्षक मधु शीला सुरजाल और प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव के खिलाफ आरोप सही पाया गया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दोनों नेे मिलकर षडयंत्र पूर्वक भविष्य निधि के खाते से धनराशि से अधिक रका आहरण किया है। नोट शीट में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का कूट रचित और मिथ्या हस्ताक्षर किया गया है। बैंक चालान और बैक सील भी फर्जी है।
इन धाराओं में अपराध दर्ज
पुलिस कप्तान ने रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए दोनो आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409,420,467,468,471,477(क),120(बी) का अपराध दर्ज कराया गया। आरोपी प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव को तत्काल न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल कराया गया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रिपोर्ट पेश होने के बाद महिला आरोपी तत्कालीन फण्ड शाखा प्रभारी मधुशीला फरार है। महिला आरोपी की लगातार पतासाजी की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।