बिलासपुर। राज्य में तबादलों का साइड इफेक्ट अब नजर आने लगा है। विशेष कर शिक्षा विभाग में तबादलों के बाद आपत्तियों का दौर शुरू हो गया है, वहीं लोग समन्वय समिति में जाने से पहले ही कोर्ट की शरण लेने लगे हैं। ऐसे ही एक मामले में हाईकोर्ट ने एक शिक्षक के तबादले पर रोक लगा दी है। वहीं 2 जिलों में अनेक शिक्षकों के तबादले निरस्त कर दिए गए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक शीतल कुमार कुर्रे की प्रारंभिक नियुक्ति सहायक शिक्षक (पंचायत) के पद पर कांकेर जिले में हुई थी। कांकेर कलेक्टर द्वारा सहायक शिक्षक (एल . बी.) के पद पर पदस्थ शीतल कुमार कुर्रे का स्थानांतरण नाहरपुर ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक शाला बगरुमपारा गट्टागुडूम से कोयलीबेड़ा ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक शाला छोटेपरा घोडागांव किए जाने का आदेशित किया गया था। इस स्थानांतरण आदेश पर हाईकोर्ट ने 29 सितम्बर 2022 को याचिका की सुनवाई करते हुवे स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दिया।
स्थानांतरण आदेश के खिलाफ कुर्रे ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं घनश्याम कश्यप के माध्यम से एक रिट याचिका दायर की, जिसमें यह आधार लिया गया था कि याचिकाकर्ता सहायक शिक्षक (विज्ञान) के पद पर पदस्थ है और इनके स्थानांतरण किये जाने से सहायक शिक्षक (विज्ञान) का पद रिक्त रह जायेगा। स्थानांतरण नीति वर्ष 2022 की कंडिका 3.2 में प्रावधानित है कि ऐसे स्थानांतरण नहीं किये जायेंगे जिनके फलस्वरूप किसी स्कूल में किसी विषय को पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या शुन्य हो जाये।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति ने याचिका का निराकरण करते हुए आदेशित किया कि याचिकाकर्ता दस दिन के अंदर अभ्यावेदन ट्रांसफर पालिसी 2022 के कंडिका 7 में गठित समिति के समक्ष पेश करे और अभ्यावेदन को समिति 4 सप्ताह में निराकरण करेगी| याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन के निराकरण तक ट्रांसफर आदेश के प्रभाव एवं क्रियान्वयन पर रोक लगा दी|
पूर्व में गरियाबंद जिले के कलेक्टर ने 20 शिक्षकों का तबादला निरस्त कर दिया था। ऐसा कुछ शिक्षकों का अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर तबादला किये जाने के चलते किया गया। इसके बाद गरियाबंद से जारी हुई पिछले दिनों की ट्रांसफर लिस्ट में भी 10 लोगों का तबादला निरस्त किया गया है। कलेक्टर ने मंत्री के अनुमोदन के बाद लिस्ट जारी की है।
इधर मुंगेली जिले से एक सूची आयी है, जिसमें शिक्षकों और कर्मचारियों का तबादला निरस्त हुआ है। इनमें 23 शिक्षक शामिल हैं।
मुंगेली कलेक्टर राहुल देव का कहना है कि अलग-अलग वजहों से शिक्षक व कर्मचारियों का तबादला निरस्त किया गया है। कुछ दिव्यांग शिक्षक हैं, जिनका ट्रांसफर रद्द किया गया है, साथ ही कुछ शिक्षक ने स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला दिया था, वहीं कुछ स्कूल के एकल शिक्षकीय हो जाने की वजह से भी तबादले को निरस्त किया गया है। प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद 23 शिक्षक और अन्य कर्मचारियों का तबादला निरस्त करने का आदेश दिया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में तबादले के विरुद्ध अनेक शिक्षा और अन्य विभागों के कर्मचारी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं, वहीं कई लोग याचिका लगाने के प्रयास में जुटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि दशहरे की छुट्टी के बाद शिक्षकों की याचिकाओं पर सुनवाई में तेजी आएगी।
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