हरदा। देश भर में आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर महात्मा गांधी को याद करने के साथ ही देश की आजादी के लिए उनके जोगदान को अवगत कराया जा रहा है। आज गांधी जयंती मौके पर हम आपको मध्य प्रदेश के एक ऐसे स्कूल से रू-ब-रू कराएंगे, जहां आज भी गांधीजी की परंपराओं को संजोया जा रहा है।
स्कूल के छात्रों का कहना है की उन्हें गांधीटोपी पहनने से गर्व महसूस होता है । साथ ही गांधीजी के आदर्शो पर चलने की प्रेरणा मिलती है । पूरे संभाग में इसे गांधी टोपीवाले स्कूल के नाम से पहचाना जाता है । हालांकि स्कूल में एडमिशन लेने वाले बच्चो की संख्या साल दर साल कम होती जा रही है । लेकिन स्कूल प्रबंधन और बच्चों का कहना है कि वो गांधीजी की परम्परा को जीवंत रखेंगे।
हरदा जिले के छिपावड गांव में स्थित इस शासकीय स्कूल की शुरुआत 1 जनवरी 1892 को हुई थी । इसकी विशेषता है की 131 वर्ष पुराने इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्र से लेकर आज तक पढ़ रहे सभी छात्रों का रिकॉर्ड सुरक्षित रखा है । ऐसा बताया जाता है की आजादी की लड़ाई के दौरान खुद गांधीजी हरदा आये थे. उस समय यहां गांधीजी ने चरखा चलाया था ।
अब कक्षा आठ तक पढ़ रहे 136 बच्चे
गांधीजी और उनके आदर्शों के प्रति लोगों में तभी से भावना हिलोरें लेने लगी थी । स्कूल में गांधी टोपी पहनने की शुरुआत आज स्कूल में परम्परा का रूप ले चुकी है । छात्र बलराम मीणा के मुताबिक यहां पढ़ने वाले सभी छात्र गांधी टोपी पहनकर आते हैं । स्कूल में कक्षा 1 से लेकर 8 तक कुल 136 बच्चे हैं । यहां छात्रों ने चरखा चलाना भी सीखा, ताकि वो आत्मनिर्भर बन सकें ।