नितिन@रायगढ़। दो दिन पहले ओडिसा ट्रांसपोर्टरों के द्वारा लगातार बरती जा रही मनमानी के खिलाफ आज रायगढ़ जिला ट्रेलर मालिक कल्याण संघ ने छत्तीसगढ़ की गाड़ियों को लोडिंग ना देने एवं भाडा में भेदभाव का आरोप लगाते हुए वृंदावन चैक से एक बाईक रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपते हुए उचित कार्रवाई करने की मांग की थी।
दोहरा व्यवहार
ट्रेलर मालिक कल्याण संघ के द्वारा रायगढ़ कलेक्टर के नाम सौंपे गए ज्ञापन पत्र में कहा गया था कि रायगढ़ स्थानीय वाहन मालिकों के साथ ही साथ छत्तीसगढ़ नंबर के साथ ओड़िसा की खदानों में हमेशा से दोहरा व्यवहार किया जाता रहा है। मगर अभी पिछले महीनेभर से स्थिति बहुत भयानक हो गई है। उड़ीसा की खदानों में हमारी गाड़ी से दादागिरी के साथ ही साथ अवैध वसूली ड्राइवरों के साथ मारपीट की घटनाएं कारित की गई। जिसकी शिकायत करने पर उड़ीसा प्रशासन किसी भी प्रकार की मदद करने को तैयार नहीं हुआ।
ओडिशा के ट्रांसपोर्टरों को प्रशासन का पूर्ण सहयोग
ओडिशा के ट्रांसपोर्टरों को प्रशासन का पूर्ण सहयोग मिला हुआ है। अभी वर्तमान में तालाबीरा (खिंडा) खदान उड़ीसा से प्रतिदिन 10 से 15 हजार टन कोयला छत्तीसगढ़ के प्लांटों में आता है जैसे की लारा (एनटीपीसी ), कुनकुनी साइडिंग आदि का पुरा काम उड़ीसा के ट्रान्सपोर्टर करते है और अपनी गाड़ी चलाते है परंतु वही उनके द्वारा छत्तीसगढ़ की गाड़ी को लोड नहीं दिया जाता है।
तमनार टपरिया बॉर्डर और रेंगालपाली बॉर्डर पर आंदोलन का आगाज
इस बात को लेकर टेलर मालिक कल्याण संघ के सदस्यों के द्वारा शुक्रवार की सुबह से ही तमनार टपरिया बॉर्डर और रेंगालपाली बॉर्डर पर आंदोलन का आगाज किया गया। जो शनिवार की देर शाम तक जारी रहा। आंदोलन की वजह से इस मार्ग में हजारों की संख्या में ओड़िसा नंबर की गाड़ियों को छत्तीसगढ़ में प्रवेश से रोक दिया गया। जिससे इस मार्ग में वाहनों की लंबी कतारें लग गई।
आपसी सहमति के आधार पर आंदोलन समाप्त
अंतत: आज आंदोलन के दूसरे दिन रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक, नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय, जूटमिल चैकी प्रभारी कमल किशोर पटेल, यूनियन, ट्रांसपोर्ट के आवश्यक बैठक हुई,यही बनी आपसी सहमति के आधार पर आंदोलन समाप्त किया गया।
पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में बातचीत
इससे पहले चेकपोस्ट चौकी पर दोनो तरफ के ट्रेलर मालिको के बीच पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में बातचीत हुई। जिसमें यह तय किया गया कि छत्तीसगढ़ की गाड़ियों को ओडिशा की गाड़ियों जैसा ही यूनियन भाड़ा दिया जाएगा साथ ही खिंडा माइंस जहा छत्तीसगढ़ की गाड़ियों को कोयला लोड देना बंद कर दिया था,वो वापस से चालू किया जाएगा। किसी भी प्रकार का असमानता का व्यवहार छत्तीसगढ़ की गाड़ियों के साथ नही किया जाएगा। उड़ीसा के ट्रेलर यूनियन अध्यक्ष विकास गनेरीवाल ने बताया कि रायगढ़ ट्रेलर संघ का आरोप बेबुनियाद था,जिसका प्रमाण हमने दिया है। उनकी रखी बातों को हमने गंभीरता से सुनी।
हड़ताल वापस
वही गतिरोध को समाप्त करने में में विधायक रायगढ़ प्रकाश नायक, नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय जूटमिल टीआई कमल किशोर पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आपकी पहल से ही दोनो राज्यों के ट्रेलर मालिकों के बीच में बैठक हुई और आखिरकार में सुखद निर्णय निकला और हड़ताल वापस लिया गया।
सबसे अधिक परेशानी ट्रेलर चालकों को
वैसे गतिरोध के बीच सबसे अधिक परेशानी ट्रेलर चालकों को उठानी पड़ी। वे लोग लोड गाड़ियों के साथ पूरे 36 घण्टे एक ही जगह पर खड़े रहे। वही आम नागरिकों के आवागमन में कोई समस्या न हो इसके लिए दोनो राज्यों के प्रशासन और पुलिस ने भी कड़ी मेहनत की। आंदोलन का सीमावर्ती क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था। किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए दोनो राज्यों की सीमा पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए थे।